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जिले भर में किसानों की वन भूमि पर बड़ी तादाद में तार फेंसिंग और बोर खनन शासन द्वारा मुफ्त में किया जा रहा है। उद्यानकी, कृषि और जनपद स्तर पर भी यह कार्य स्वीकृत हुए हैं, पर इन कार्यों में बड़ी बंदर बांट माहराहौरनार ग्राम पंचायत में उजागर हुई है। सरपंच बदला तो इस ग्राम पंचायत की गड़बड़ी निकलकर सामने आई।
जिले भर में तार बाड़ी और किसानों के यहां बोर खनन के नाम पर बड़ा खेल विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर जनप्रतिनिधियों ने खेला है। जिले के कुआकोंडा ब्लाक के माहराहौरनार में जिस हितग्राही के नाम से तार फेंसिंग और बोर स्वीकृत हुआ उसको जानकारी तक नहीं और काम दूसरे हितग्राही के यहां ग्राम पंचायत के द्वारा कर राशि का आहरण कर लिया गया। माहराहौरनार में सोमडु की तार बाड़ी और बोर खनन स्वीकृत हुई लिस्ट में नाम भी आया पर यह दूसरे किसी हितग्राही के यहां बना दी गई। सुकड़ी पति हिड़मा के यहां बोर खनन नही किया गया और राशि निकाल ली गई। इसी तरह जोगा पिता देवा के यहां भी गड़बड़ी की गई, इसी पंचायत में और भी गड़बड़ी तार बाड़ी और बोर खनन के नाम पर की गई है। ग्रामीणों ने बताया ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच के यहां अलग-अलग जगह पर 5 बोर खनन किए गए हैं, ये बोर भी हितग्राहियों के हैं, इसकी जांच हुई तो बड़े खुलासे होंगे। गांव के सोमडु, जोगा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया मेढ़ बंधान के नाम पर भी गड़बड़ी की गई है, कुम्मी पति लिंगा के नाम पर 42 हजार रुपए निकाले गए जबकि मेढ़ बंधान का कार्य विधवा ने स्वयं से करवाया था। दंतेवाड़ा जिले भर में किसानों को फायदा दिलाने के नाम पर स्वीकृत किए गए तार बाड़ी और नलकूप खनन में बड़ी गड़बड़ी की गई है,जांच हुई तो करोड़ों की गड़बड़ी सामने निकल कर आएगी साथ ही मूल हितग्राहियों को इस योजना का लाभ भी नहीं मिल पाया है। हितग्राही बदलने का खेल जिले भर में किया गया है, कुआकोंडा जनपद सीईओ ने कार्य की जानकारी होने से ही इंकार कर दिया, डीडी पंचायत मिथलेश किसान ने जांच करवाने की बात कही और गड़बड़ी होने पर कार्रवाई करने की बात कही। माहराहौरनार की सरपंच बुधनी ने बताया जनपद द्वारा कार्यों की लिस्ट ही नहीं दी जा रही थी, लिस्ट मिली तब गड़बड़ी सामने आई है। सरपंच ने कहा पूर्व सरपंच के कार्यकाल की गड़बड़ी है, मामले की शिकायत कलेक्टर से भी की जाएगी। ग्राम पंचायत माहराहौरनार में 13 हितग्राहियों की वनभूमि पर तार फेंसिंग डीएमएफ मद से करीब 25 लाख की स्वीकृति मिली थी, जिसमें से कई हितग्राहियों के नाम ही बदल दिए गए और जो तार बाड़ी बनी भी हैं वह गिर रही हैं, लोहे के एंग्लो को कांक्रीट से जाम नहीं किया गया है, बोर में भी खनन कम करने की शिकायत ग्रामीणों ने की है।