चंडीगढ़ 5 साल में 587 नाबालिग आपराधिक वारदात में शामिल।
चंडीगढ़ में नाबालिगों द्वारा अपराध बढ़ने की घटनाओं ने फिर से किशोर अपराध की समस्या सामने ला दी है। खासकर नाबालिगों का हत्या जैसे संगीन मामलों में शामिल होना अब समाज और प्रशासन दोनों के लिए बड़ी चिंता की बात बन गया है।
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चंडीगढ़ पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2020 से अब तक 587 नाबालिगों को अलग-अलग आपराधिक मामलों में पकड़ा जा चुका है। इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार, अपहरण, दंगा, डकैती, लूटपाट, स्नैचिंग और चोरी जैसे मामले शामिल हैं।
4 माह हत्या के आरोप में 5 गिरफ्तार
वर्ष 2025 जनवरी से अप्रैल तक हत्या के आरोप में पांच नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 2020 से अब तक हत्या के मामलों में गिरफ्तार नाबालिगों की कुल संख्या 36 हो चुकी है। यह आंकड़े शहर में युवाओं के भीतर बढ़ती हिंसक प्रवृत्तियों की ओर इशारा करते हैं।
पुलिस के अनुसार, वर्ष 2020 से अब तक पकड़े गए नाबालिग अपराधियों में से 299 की उम्र 16 से 18 साल के बीच है, जबकि 281 की उम्र 12 से 16 साल है। वहीं सात मामलों में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को भी अपराधों में पकड़ा गया है।
इन आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में 86 नाबालिग चोरी के मामलों में, 64 स्नैचिंग और हत्या के प्रयास में, 60 दंगे व हंगामे में और 38 बलात्कार के आरोप में पकड़े गए हैं।
घरों पर फेंके पेट्रोल बम
पिछले एक महीने के दौरान सेक्टर 25, राम दरबार और मनीमाजरा जैसे इलाकों में दंगे, आगजनी और उपद्रव की घटनाएं सामने आई हैं। कई मामलों में नाबालिगों द्वारा चाकूबाजी की गई, जिससे एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। ऐसा ही एक मामला पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र आदित्य ठाकुर की मौत का है, जिसमें एक 17 वर्षीय किशोर मुख्य आरोपी है।