Stock Market Investment Strategy; Long-Term Holding Risks | Exit Plan | लंबी-होल्डिंग के बाद भी मनचाहा रिटर्न नहीं तो बाहर निकलें: किसी शेयर को जरूरत से ज्यादा होल्ड करना अच्छी रणनीति नहीं, जानें कब बेचना सही

कोटक सिक्युरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान15 घंटे पहले

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शेयर बाजार में सही एंट्री जितनी मायने रखती है, उतनी ही सही एग्जिट भी। रिटेल निवेशकों के लिए यह तय करना मुश्किल होता है कि शेयर से कब निकलें। इसका नतीजा यह होता है कि वे कई बार अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते या नुकसान उठा लेते हैं। इसलिए, जब भी किसी स्टॉक में निवेश करें, तो निकलने की रणनीति जरूर बनाएं। यह आपको सही समय पर प्रॉफिट बुक करने, नुकसान को कम करने या किसी अन्य बेहतर अवसर पर ध्यान देने में मदद करेगा।

किसी शेयर को जरूरत से ज्यादा होल्ड करना अच्छी रणनीति नहीं किसी शेयर को लंबे वक्त तक होल्ड करना बड़ी भूल साबित हो सकती है, खासकर जब वह आपके लक्ष्यों से भटक गया हो। या लंबी होल्डिंग के बाद भी अपेक्षित रिटर्न नहीं मिल रहा है तो बाहर निकलना बेहतर रणनीति है। इसमें बने रहना उतना ही खतरनाक है, जितना किसी गलत शेयर में पैसा लगाना। एक सोची-समझी एग्जिट रणनीति भावनाओं को काबू रखती है। गलत फैसले लेने से बचते हैं।

शेयर से निकलना एक अच्छा फैसला होता है अगर…

1. तय लक्ष्य हासिल करने पर अगर आपने किसी शेयर को खरीदते समय टारगेट तय किया है। वह पूरा हो गया है तो प्रॉफिट बुक करना अच्छा फैसला है। बिना किसी रणनीति के किसी शेयर में लंबे समय तक बने रहना सही नहीं है।

2. फंडामेंटल्स या वित्तीय सेहत में गड़बड़ी कंपनी की वित्तीय सेहत पर नजर रखें। कई तिमाहियों में आय या मुनाफे में गिरावट है, कर्ज बढ़ रहा है, मैनेजमेंट में ऐसा बदलाव जो कंपनी के हित में नहीं है, कंपनी कानूनी या नियामकीय कार्रवाई के घेरे में आती है तो ऐसे निवेश से निकलने पर विचार करें।

3. सेक्टर का खराब प्रदर्शन कभी-कभी, किसी शेयर के प्रदर्शन पर बाहरी फैक्टर हावी होते हैं। नीतियों में बदलाव, किसी खास सेक्टर का खराब प्रदर्शन और आर्थिक मंदी जैसे कारणों से शेयर पर असर पड़ सकता है। ऐसे में निकलने पर विचार करें।

4. बिना वजह ओवरवैल्युएशन यदि कोई स्टॉक बिना किसी उचित वजह के अपने ऐतिहासिक औसत या समान कंपनियों से काफी ऊपर ट्रेड करता है तो भविष्य में करेक्शन आ सकता है। ऐसे में उससे बाहर निकलने या होल्डिंग कम करने पर विचार करना चाहिए।

डर या लालच में फैसला न करें किसी शेयर में इसीलिए न बने रहें क्योंकि किसी परिचित या अन्य ने उसे होल्ड किया है। किसी शेयर को घाटे में भी इस उम्मीद में होल्ड करना कि कभी तो वह वापस उछलेगा, सही रणनीति नहीं है। किसी लालच या डर के बजाय फंडामेंटल पर ध्यान देना जरूरी है।

निष्कर्ष: किसी शेयर से कब बाहर निकलना है, यह जानना आपके लॉन्ग टर्म के निवेश परिणामों में सुधार कर सकता है। अपने पोर्टफोलियो की नियमित समीक्षा करें। वास्तविक लक्ष्य तय करें। कंपनी और बाजार के घटनाक्रमों पर नजर रखें। ऐसा करके आप तर्कसंगत तरीके से किसी शेयर से बाहर निकलने का फैसला कर सकते हैं।

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