DUSU President protest DU Principal Office With Cow Dung | क्लास रूम-गोबर विवाद, कुलपति बोले-रिसर्च पहले अपने घर पर करें: DUSU प्रेसिडेंट ने प्रिंसिपल ऑफिस की दीवार पर गोबर लगाया

नई दिल्ली26 मिनट पहले

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दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज के कमरों में गोबर और मिट्टी लीपने के वीडियो की चर्चा कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह तक पहुंच गई है।

कुलपति ने कहा- मेरा मानना है कि अगर इस तरीके से कमरों में गर्मी कम हो सकती है तो यह प्रयोग प्रिंसिपल को सबसे पहले अपने घर और अपने ऑफिस में करना चाहिए। जब वह कारगर साबित हो तो उसके बाद स्टूडेंट प्लेस पर करना चाहिए।

उन्होंने कहा- कूलर-पंखों की कमी को दूर करना चाहिए। वे 10 साल से प्रिंसिपल हैं तो इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया। कॉलेज के पास फंड की कमी नहीं है। सभी कॉलेज का स्टूडेंट डेवलपमेंट फंड है और भी कई तरह के फंड होते हैं, उनका इस्तेमाल होना चाहिए।

उधर दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) प्रेसिडेंट रौनक खत्री ने मंगलवार को प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला के ऑफिस की दीवारों पर गाय का गोबर लगा दिया। दरअसल, प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे कक्षाओं की दीवारों पर गोबर का लेप लगाती नजर आ रही थीं। छात्र नेता इसी का विरोध कर रहे थे।

प्रिंसिपल ने कहा था कि यह रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है। क्लास रूम को ठंडा रखने के लिए ये देसी तरीके अपनाए जा रहे हैं। कॉलेज के एक फैकल्टी सदस्य की देखरेख में रिसर्च चल रहा है। पूरा डेटा एक हफ्ते बाद साझा किया जाएगा।

प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला के अनुसार यह काम एक रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला के अनुसार यह काम एक रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

प्रिंसिपल बोली थीं- खुद ही वीडियो शेयर किया वायरल वीडियो को लेकर प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला ने कहा था कि उन्होंने खुद ही कॉलेज के शिक्षकों के साथ यह वीडियो शेयर किया था। रिसर्च प्रोजेक्ट का नाम ‘पारंपरिक भारतीय ज्ञान का उपयोग करके थर्मल स्ट्रेस कंट्रोल का अध्ययन’ है।

डॉ. वत्सला ने कहा, ‘यह रिसर्च कॉलेज के पोर्टा कैबिन्स (एक प्रकार का कमरा) में की जा रही है। मैंने खुद एक कमरे की दीवार पर गोबर लगाया, क्योंकि मिट्टी और गोबर जैसे प्राकृतिक चीजों को छूने में कोई हर्ज नहीं है। कुछ लोग बिना जानकारी के अफवाह फैला रहे हैं।’

क्लास रूम को ठंडा रखने के लिए ये देसी तरीके अपनाए जा रहे हैं।

क्लास रूम को ठंडा रखने के लिए ये देसी तरीके अपनाए जा रहे हैं।

पहले क्यों गोबर से लीपा जाता था घर सनातन परंपरा में गोबर को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना गया है। किसी भी धार्मिक आयोजन से पहले घर के आंगन को गोबर से लीपा जाता था। SUTRA-PIC इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार गोबर के कई फायदे हैं,

  • घर में मक्खियों, मच्छरों को भी दूर भगाता है गोबर- गोबर कीट-पतंगों से रक्षा करने में काफी असरदार होता है। इससे घर में मक्खियां, मच्छर, और कीट दूर रहते हैं। यही कारण है कि गांवों में गोबर से लिपे घरों में रोगों का प्रकोप कम देखा गया है। इसके अलावा, यह पूरी तरह जैविक है, पर्यावरण के अनुकूल है।
  • घर को ठंडा रखता हैगाय के गोबर में बेहतरीन इन्सुलेटिंग गुण होते हैं। गोबर और मिट्टी के मिश्रण से फर्श को लीपने से घर के अंदर का तापमान स्थिर रहता है। गर्म जलवायु में, ये घर के अंदर के तापमान को ठंडा रखने में मदद करता है, जबकि ठंडे क्षेत्रों में, यह गर्मी बनाए रखने में करता है।
  • धूल से बचाव – कई ग्रामीण इलाकों में, कच्चे फर्श से बहुत ज़्यादा धूल जम जाती थी, जो न केवल परेशानी का सबब है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा होता था। जब गाय के गोबर को पानी में मिलाकर फर्श पर लगाया जाता है, तो एक सख्त, चिकनी सतह बनती है, जिससे घर में धूल की मात्रा काफ़ी कम हो जाती है। इससे रहने का माहौल साफ और ज़्यादा आरामदायक हो जाता है।

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