Punjab CM Bhagwant Mann। School of Eminence Shaheed Bhagat Singh Nagar Inauguration। Education Minister Harjot Singh Bains | पंजाब के स्कूलों पर सियासत तेज: भाजपा बोली- शिक्षकों को AAP का वॉलंटियर बनाया, सिसोदिया बोले- दिल्ली के स्कूलों की चिंता करें – Punjab News

अमन अरोड़ा संगरूर के सरकारी स्कूलों में बच्चों को संबोधित करते हुए।

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने आज (सोमवार को) नवांशहर में स्कूल ऑफ एमिनेंस का उद्घाटन किया। इस मौके पर आम आदमी पार्टी (AAP) के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे।

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इस दौरान सीएम मान ने कहा कि पहले माता-पिता आर्थिक मजबूरी के कारण अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाते थे, लेकिन अब बढ़िया स्कूल बनाए गए है। उन्होंने कहा कि यही शिक्षा क्रांति है।

वहीं दिल्ली भाजपा के नेता और मंत्री मनजिंदर सिरसा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि यह शिक्षा की क्रांति है या शिक्षा की चिंता।

पंजाब में शिक्षकों का चौंकाने वाला दुरुपयोग। अब उन्हें आप की सोशल मीडिया टीम में बदल दिया जा रहा है। उनसे एक्स अकाउंट बनाने, प्रचार करने, विधायकों के कार्यक्रमों का लाइव स्ट्रीम करने को कहा जा रहा है। अब शिक्षक नहीं; सिर्फ केजरीवाल और भगवंत मान के आत्म-महिमामंडन का साधन।

AAP अपनी पीआर राजनीति के लिए छात्रों का भविष्य बर्बाद कर देगी। वहीं, इस मौके भाजपा के पंजाब प्रभारी व दिल्ली के पूर्व शिक्षामंत्री ने कहा कि भाजपा नेता अपने दिल्ली के स्कूलों की तरफ ध्यान दें। दिल्ली के लोगों को लूटने वाली सरकार के मंत्रियों को इस तरह के बयान देने से शर्म आनी चाहिए।

मोहाली के डेराबस्सी पहुंचे शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह ने कहा कि हम अपना जिंदाबाद नहीं करवा रहे हैं। हम पंजाब शिक्षा नीति जिंदाबाद करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर सरकारी स्कूल अच्छा काम कर रहे हैं तो उसमें आपत्ति क्यों है। जब उड़ता पंजाब था तब किसी को कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन अब जब पंजाब पढ़ रहा है तो इस पर आपत्ति क्यों है।

सिरसा द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर की गई पोस्ट

सिरसा द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर की गई पोस्ट

बच्चे किस समय स्कूलों में पढ़ेंगे

मनजिंदर सिंह सिरसा ने डेढ़ मिनट का वीडियो शेयर कर कहा कि दिल्ली को बर्बाद कर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पंजाब चले गए। आज मुझे हैरानी हुई कि कैसे उन्होंने शिक्षकों को एक फरमान जारी किया कि आप सभी अपने पर सोशल मीडिया एक्स पर अपने अकाउंट बनाएं।

साथ ही, जब भी उनका कोई मंत्री या विधायक स्कूल में आता है, तो उसे लाइव करें। मतलब यह है कि वह आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया टीम बन गए हैं। यह शिक्षा क्रांति नहीं, बल्कि पंजाब को डुबाने का तरीका है। शिक्षक, बच्चों को पढ़ाने की जगह उनकी वीडियो बनाएंगे। तो बच्चे पढ़ेंगे कैसे? उन्होंने कहा कि अब पंजाब के भविष्य को बर्बाद करने लगे हैं।

सीएम भगवंत मान प्रोग्राम को संबोधित करते हुए।

सीएम भगवंत मान प्रोग्राम को संबोधित करते हुए।

सीएम भगवंत ने स्पीच में उठाए पांच बताई –

हमारे सपने अंग्रेजों ने नहीं बल्कि अपनों ने तोडे़

सीएम भगवंत मान ने कहा कि पहले माता-पिता आर्थिक मजबूरी के कारण अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाते थे। अगर उनकी किस्मत अच्छी रहती, तो बच्चे कुछ बन जाते थे, वरना हालात के साथ समझौता करना पड़ता था। एक शायर ने कहा है कि “सबसे दुखद होता है सपनों का मर जाना।” सपने देखने से हमें न तो अंग्रेजों ने रोका और न ही अमेरिका वालों ने, बल्कि अपनों ने ही हमारे सपनों को तोड़ा।

पहले स्कूल चम्मच कटोरी जरूरी की गई सीएम कहा कि हमारे बच्चों को ऐसे स्कूलों में पढ़ने के लिए मजबूर किया गया, जहां बैठने की जगह नहीं थी, न बाथरूम थे और न ही प्रयोगशालाएं। बच्चों को दलिया खाकर स्कूल भेजा जाता था, और कहा जाता था कि कॉपी-पेन भूल जाओ, लेकिन चम्मच और कटोरी मत भूलना।

पहले कभी जीजा बना तो कभी साला सीएम ने बताया कि उन्होंने 16 मार्च 2022 को शपथ ली थी और तब से स्थिति बदलने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, “रात चाहे कितनी भी लंबी हो, इसका मतलब यह नहीं कि सूरज नहीं निकलेगा। अब तरक्की का सूरज निकलेगा।अब तक 54,003 नौकरियां मेरिट के आधार पर दी गई हैं। पहले सिफारिशों के आधार पर नौकरियां दी जाती थीं। एक-एक घर में तीन-तीन बच्चों को नौकरी मिली है। पहले हम जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगाने में व्यस्त रहते थे, जबकि उनके रिश्तेदार चेयरमैन बनते थे। कभी जीजा, तो कभी साला कुछ न कुछ बन जाता था।

हमने दिल्ली मॉडल लिया दिल्ली से हमें यह सीख मिली कि उन्होंने मुश्किलों से अनुभव लिया और हमें एक मॉडल मिल गया। अब हम शिक्षकों को सिंगापुर और फिनलैंड भेज रहे हैं। शिक्षा का स्तर सुधर रहा है। टीवी पर विज्ञापन देने से बात नहीं बनती। पहले परिजनों की सारी कमाई बच्चों की पढ़ाई पर खर्च हो जाती थी, लेकिन अब खुशी होती है कि बच्चे ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में पढ़ रहे हैं।पंजाबी जिस काम के पीछे पड़ जाते है, वह करके हटते हैहमने स्कूलों का नाम अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तियों के नाम पर रखा है। सपने वे नहीं होते जो नींद में आते हैं, बल्कि सपने वे होते हैं जो सोने नहीं देते। पढ़े-लिखे लोगों के नाम पर स्कूलों के ब्लॉक बनाए जा रहे हैं। पहले यह काम नेताओं के नाम पर होता था। नई शिक्षा क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। हम ज्यादा इंतजार नहीं करते। जिस काम के पीछे पड़ जाते हैं, उसे पूरा करके ही रुकते हैं। हम दो मुख्य कामों पर ध्यान दे रहे हैं—नशे के खिलाफ लड़ाई और शिक्षा की ओर बढ़ना है। ​​​​ ​​​पुलिसकर्मी के घर भी चलेगा बुलडोजर नशा तस्करों के खिलाफ बुलडोजर चलेगा। अगर कोई पुलिसकर्मी भी पकड़ा गया, तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। कानून के मुताबिक सभी को सजा मिलेगी, चाहे वह मंत्री हो या संतरी। जिन्होंने हमारे घरों को अंधेरे में डुबोया है, उनके घरों में दीपमालाएं नहीं जलने देंगे।उन्होंने कहा कि इस समय पूरे देश में चर्चा हो रही है कि पंजाब में काम हो रहा है। पिछले तीन साल से इस पर प्लानिंग चल रही है। अब सरकारी स्कूलों में पीटीएम (पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग) हो रही है। पहले सरकारी स्कूलों में यह नहीं होती थी। पहले शरारत करने पर मीटिंग होती थी, लेकिन अब माता-पिता अपने बच्चों के नंबर चेक करने आते हैं।

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पंजाब कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा सुनाम में प्रोग्राम को संबोधित करते हुएप्।

पंजाब कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा सुनाम में प्रोग्राम को संबोधित करते हुएप्।

शिक्षा से दूर होगी सारी दिक्कतें

फाइनेंस मिनिस्टर ने संगरूर जिले के दिड़बा और शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस ने मोहाली के स्कूल में पहुंचकर कार्यक्रम में शिरकत की है। वहीं, अमन अरोड़ा ने बताया कि संगरूर जिले में रोबोट लैब बनाई गई। उन्होंने कहा घर की गरीबी या मुश्किलें सरकारी स्कीमों से नहीं, जबकि बच्चों की पढ़ाई लिखाई से दूर हो सकती है। उन्होंने बच्चों को खेलने से जोड़ने की अपील की है। ताकि नशों को खत्म किया जा सकें।

अब कोई बच्चा जमीन पर नहीं बैठता

जानकारी के मुताबिक, पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार को आए करीब तीन साल हो गए। सत्ता में आने से पहले पार्टी की तरफ से शिक्षा की गारंटी दी गई थी। इसमें सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारा जाना था। इसी कड़ी में यह काम चल रहा है।

शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस का दावा है कि पंजाब में कुल 19,500 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से 12,500 स्कूलों में सारे बेसिक इंतजाम पूरे हैं। राज्य में कोई भी ऐसा स्कूल नहीं है, जहां कोई छात्र जमीन पर बैठता हो। 17,000 से अधिक स्कूलों में WIFI की सुविधा है।

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