West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee Oxford University Kellogg College Controversy SFI | ऑक्सफोर्ड में ममता का विरोध: CM बोलीं- यहां राजनीति न करें, बंगाल आएं; भारत जल्द तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, इस पर कहा- मैं सहमत नहीं


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कोलकाता/लंदन29 मिनट पहले

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रो-वाइस चांसलर जोनाथन मिची ने ममता बनर्जी को केलॉग कॉलेज में व्याख्यान के लिए न्योता दिया था। - Dainik Bhaskar

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रो-वाइस चांसलर जोनाथन मिची ने ममता बनर्जी को केलॉग कॉलेज में व्याख्यान के लिए न्योता दिया था।

पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी को 27 मार्च को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में हुई स्पीच के दौरान बीच में रोक दिया गया। ममता, पश्चिम बंगाल में सामाजिक विकास, बालिका, बाल और महिला सशक्तिकरण पर बोल रही थीं।

जब उन्होंने कहा कि उनका गवर्नेंस मॉडल भेदभाव की अनुमति नहीं देता और वह समाज के सभी वर्गों के कल्याण को प्राथमिकता देती हैं। तब वहां मौजूद लोगों ने उन्हें पोस्टर दिखाने शुरू कर दिए।

लोगों ने ममता से टाटा और आरजी कर केस से जुड़े सवाल पूछे। इस पर ममता ने कहा- आप जानते हैं कि यह मामला अदालत में है और केंद्र सरकार ने इसे अपने हाथ में ले लिया है। यह अब हमारे पास नहीं है।

जब उनसे कहा गया कि भारत, यूके को ओवरटेक कर चुका है। भारत आज 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जल्द ही वह तीसरे नंबर पर होगा। प्रिडिक्शन है कि 2060 में दुनिया की पहली अर्थव्यवस्था होगा।

तब ममता ने पूछा, कौन। जब उन्हें बताया गया कि भारत की बात हो रही है, तब वे बोलीं- मेरा मत इससे अलग होगा। मैं इससे सहमत नहीं।

केलॉग कॉलेज के इवेंट की 2 तस्वीरें…

इवेंट के दौरान पीछे बैठे लोगों ने ममता को बीच में रोक दिया और पोस्टर दिखाए। लोग उनसे कह रहे थे- तुमने अभया को मारा।

इवेंट के दौरान पीछे बैठे लोगों ने ममता को बीच में रोक दिया और पोस्टर दिखाए। लोग उनसे कह रहे थे- तुमने अभया को मारा।

ममता ने अपनी एक तस्वीर दिखाते हुए कहा- ये देखिए, ये मुझ पर हुआ अत्याचार है। मैं मरने वाली थी। ये नाटक का मंच नहीं है। यहां आप मेरा और अपने संस्थान का अपमान कर रहे हैं।

ममता ने अपनी एक तस्वीर दिखाते हुए कहा- ये देखिए, ये मुझ पर हुआ अत्याचार है। मैं मरने वाली थी। ये नाटक का मंच नहीं है। यहां आप मेरा और अपने संस्थान का अपमान कर रहे हैं।

ममता बोलीं- यहां राजनीति न करें, मेरे राज्य में आकर करें

स्पीच के दौरान जब लोग शांत नहीं हुए तो ममता ने कहा- कृपया राजनीति मत कीजिए, भाई। यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। आप मेरे राज्य में मेरे खिलाफ राजनीति कर सकते हैं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। कृपया अपनी आवाज उठाएं। यह एक लोकतंत्र है। मैं ध्यान से सुनूंगी।

इस घटना के बाद SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने दावा किया कि विरोध करने वाले लोग उनके संगठन के थे और उन्होंने इसकी पुष्टि अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए की है।

अर्थव्यवस्था वाले बयान पर BJP बोली- यह शर्मनाक

​ममता बनर्जी की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारत की आर्थिक प्रगति पर की गई टिप्पणियों को लेकर विवाद हो गया है। हालांकि, उनके भाषण की पूरी वीडियो क्लिप सामने नहीं आई है, जिससे उनकी बात के संदर्भ को पूरी तरह समझना मुश्किल है। लेकिन BJP के अमित मालवीय ने 21 सेकंड का एक क्लिप X पर शेयर किया है।

अमित ने लिखा- ममता बनर्जी को भारत के दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से परेशानी है… यह वाकई शर्मनाक है। वह अपने संवैधानिक पद के लिए अपमान की बात है। विदेशी धरती पर ऐसा व्यवहार कौन कर सकता है?

पढ़ें ममता ने अपनी स्पीच में और क्या कहा…

  • अगर मैं मरती हूं, तो मरने से पहले मैं एकता देखना चाहती हूं। एकता हमारी ताकत है और विभाजन हमारे पतन की ओर ले जाता है। यह स्वामी विवेकानंद का विश्वास था।
  • एकता बनाए रखना एक कठिन काम है, लेकिन लोगों को विभाजित करने में बस एक पल लगता है। क्या आपको लगता है कि दुनिया ऐसी विभाजनकारी विचारधारा को बनाए रख सकती है?
  • जब मैं कुर्सी पर होती हूं तो मैं समाज को विभाजित नहीं कर सकती। मुझे कमजोर वर्गों और गरीबों का ख्याल रखना होता है। हमें उनके लिए कड़ी मेहनत करनी होती है।
  • साथ ही, हमें सभी धर्मों, जातियों और पंथों के लिए मिलकर काम करना चाहिए, उनके साथ आगे बढ़ना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए।
  • हमारे राज्य में लगभग 11 करोड़ लोग हैं, एक बड़े देश की तरह। हमारी खूबसूरती इसमें है कि हमारे 33% से ज्यादा लोग अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, नेपाली और गोरखा हैं।
  • बंगाल में लगभग 6% आदिवासी हैं और 23% अनुसूचित जाति के हैं। हर जाति, पंथ और धर्म के लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं।
  • हमारा मिशन है कि छात्रों, महिलाओं, किसानों और श्रमिकों के बीच कोई भेदभाव न हो। हमें सभी लोगों को इंसान मानना ​​चाहिए। मानवता के बिना, यह दुनिया चल नहीं सकती, जारी नहीं रह सकती या टिक नहीं सकती।

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