देश में औरंगजेब पर राजनीतिक विवाद छिड़ा हुआ है। महाराष्ट्र में यह स्थिति हिंसक झड़प में बदल चुकी है। इस पर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि, हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले क्रूर औरंगजेब पर सहानुभूति नहीं रखनी चाहिए।
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पूरी दुनिया जानती है कि औरंगजेब आक्रांता रहे हैं। जिस तरह से जुल्म उन्होंने भारतीयों और हिंदुओं पर किया है, वो सर्वविदित है। इसलिए औरंगजेब के प्रति सहानुभूति और श्रद्धा रखने का कारण नहीं बनता है।
फिल्म और बयान की वजह से बवाल
हाल ही में आई बॉलीवुड फिल्म ‘छावा’ में औरंगजेब का किरदार दिखाए जाने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब को लेकर निगेटिव कमेंट किए। इस माहौल में नेता भी कूद पड़े। सपा विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर कहा कि, हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है।
औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अबू आजमी के बयान पर शिवसेना के लोकसभा सांसद नरेश म्हस्के ने उनके खिलाफ ठाणे (महाराष्ट्र) में FIR दर्ज कराई।

महाराष्ट्र के विधायक अबू आजमी के बयान के बाद से बवाल बढ़ा।
औरंगजेब ने मंदिरों के साथ मस्जिदों को भी नष्ट किया- सपा विधायक
इस मामले ने तूल पकड़ा तो सपा विधायक आजमी ने कहा कि, औरंगजेब ने मंदिरों के साथ मस्जिदों को भी नष्ट किया। अगर वो हिंदुओं के खिलाफ होता तो 34% हिंदू उसके साथ नहीं होते। उसके शासनकाल में भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमार) तक पहुंच गई थी।
हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 24% था और भारत को (औरंगजेब के समय) सोने की चिड़िया कहा जाता था। अगर वो सच में हिंदुओं को मुसलमान में परिवर्तित करते, तो सोचिए कितने हिंदू परिवर्तित हो जाते।
महाराष्ट्र में ताजा स्थिति क्या है ?
अब औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जला दिया।
VHP के मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया। देर शाम 7:30 बजे नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क गई। इसके बाद पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया। सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की।

महाराष्ट्र में हालात बेकाबू हैं नागपुर में हिंसा हुई है।
औरंगजेब की कब्र हटाने का मामला तूल पकड़ा
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने महाराष्ट्र सरकार से इसे जल्द हटाने की मांग की है। विवाद के बीच कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) महाराष्ट्र और गोवा के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने औरंगजेब की कब्र को गुलामी का प्रतीक बताया। उन्होंने सोमवार को कहा कि, औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को मारने से पहले 40 दिनों तक यातना दी थी। ऐसे क्रूर शासक का निशान क्यों रहना चाहिए।

देवेंद्र फड़नविस ने भी औरंगजेब का विरोध किया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक कार्यक्रम में कहा कि, क्रूर औरंगजेब के बर्बर विचारों का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उस विचार को वहीं कुचल दिया जाएगा।
दरअसल, मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब का निधन हुआ, तो उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें खुल्दाबाद में उनके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया। यह स्थान छत्रपति संभाजीनगर से करीब 25 किमी दूर है।
औरंगजेब की कब्र एक साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय लॉर्ड कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।
