3000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगातार शहर की सफाई पर नजर रख रहे हैं।
देश के सबसे साफ-सुथरे शहरों में शुमार गुजरात की डायमंड नगरी सूरत के साफ-सफाई अभियान पर अब एआई तकनीक से निगरानी रखी जा रही है। सूरत में अगर कोई सार्वजनिक जगह पर कचर फेंकता है, तो एआई के जरिये उसका फौरन पता लग जाएगा और कूड़ा फेंकने वालों पर 700 रुपए का
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सूरत नगर निगम ने सफाई व्यवस्था को ज्यादा सुचारू और प्रभावी बनाने के लिए कचरा फेंककर गंदगी फैलाने वालों को पकड़ने के लिए एआई आधारित स्वचालित प्रणाली शुरू की है।न ई तकनीकी प्रणाली सूरत इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़ी है। यहां 3000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगातार शहर की सफाई पर नजर रखते हैं। जिन जगहों पर अक्सर कचरा फेंका जाता है, वहां ज्यादा कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि कचरा फेंकने वालों को तुरंत पकड़ा जा सके।

अब तक एआई के जरिये 2100 से ज्यादा जगहों पर कूड़ा डंपों की पहचान की गई है।
ऑटोमैटिक अलर्ट भेजता है एआई जैसे ही एआई को पता चलता है कि कूड़ा कहां है, तो वे नगर निगम की टीम को ऑटोमैटिक अलर्ट भेजता है। जहां भी कूड़ा होता है, वहां तुरंत सफाई कर्मचारियों को भेजकर सफाई कराई जाती है।अगर कोई शख्स कचरा फेंक रहा है, तो एआई उसे भी पहचान लेता है और जुर्माने के लिए रिपोर्ट तैयार करता है।
अब तक एआई के जरिये 2100 से ज्यादा जगहों पर कूड़ा डंपों की पहचान की गई है, 700 लोगों की पहचान की गई है और 51,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है
एआई सिस्टम कैसे काम करता है? सीसीटीवी इंटीग्रेशन: इस प्रणाली के लिए सूरत में 3,000 से अधिक सीसीटीवी लगाए गए हैं, जो सभी सूरत इंटेलिजेंट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से जुड़े हुए हैं। रियल टाइम मॉनिटरिंग: एआई एल्गोरिदम लाइव वीडियो फीड का विश्लेषण करते हैं। कैमरे की एआई प्रणाली कूड़े के ढेर और कूड़ा फेंकने वालों को पकड़ लेती है। ऑटोमैटिक रिस्पॉन्स: जब कोई व्यक्ति कचरा फेंकता हुआ दिखाई देता है, तो AI ICCC और संबंधित क्षेत्रीय नगर निगम (RMC) टीम को मैसेज भेज देती है। 10 मिनट में सफाई: सफाई कर्मचारी कूड़े का स्थान ढूंढते हैं और तुरंत मौके पर पहुंचकर सफाई करते हैं। ऑटोमैटिक फाइन: एआई प्रणाली कूड़ा फैलाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करती है और उन पर जुर्माना भी लगाती है।