सेहतमंत्री नशा मुक्ति केंद्र का दौरा करते हुए।
पंजाब सरकार नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। इसके साथ ही नशे के आदी लोगों को इस लत से बाहर निकालकर नई जिंदगी शुरू करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों में स्किल सेंटर बनाए जा रहे हैं, जहां नशा छोड़ने वालो
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साथ ही इंडस्ट्री से तालमेल करके उन्हें नौकरी भी मुहैया करवाई जाएगी। यह बात सरकार की ओर से गठित हाई पावर कमेटी के सदस्य एवं स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने नशा मुक्ति केंद्रों का दौरा करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों को जेल भेजा जाएगा, जबकि नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों का इलाज कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने परिजनों से अपील की कि वे अपने बच्चों को नशे से बचाने के लिए आगे आएं और उनका साथ दें। उन्होंने इससे संबंधित एक पोस्ट भी शेयर की है।
स्कूलों के पास मुफ्त में बांटा जा रहा नशा
स्कूलों के आसपास नशे से जुड़ी चीजें मुफ्त में बांटी जा रही हैं, खासकर स्कूली बच्चों को नशा तस्कर इसके जाल में फंसा रहे हैं। इनमें वैपिंग और अन्य नशीले पदार्थ शामिल हैं, जो स्ट्रॉबेरी ड्रग कैंडी सहित कई नामों से बेचे जाते हैं। इसलिए, बच्चों और माता-पिता को सतर्क रहने की जरूरत है। सेहत मंत्री ने माता-पिता से भी अपील की कि वे बच्चों के इलाज में सहयोग करें।

सेहतमंत्री द्वारा मीडिया पर पोस्ट डालकर दी गई जानकारी ।
नशा मुक्ति केंद्रों में विशेष सुविधाएं
सेहत मंत्री ने बताया कि वे पूरे पंजाब का दौरा करेंगे और नशा मुक्ति केंद्रों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे। इन केंद्रों में योग, जिम और खेलों की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं, ताकि नशा छोड़ने वालों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाया जा सके। इसके अलावा, उन्हें विभिन्न कौशल सिखाने की भी सुविधा दी जाएगी।
नशा छोड़ने वालों को पुनर्वास प्रक्रिया से गुजरना होगा और फिर उन्हें स्किल सेंटरों में प्रशिक्षित किया जाएगा। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति नशा छोड़ने के बाद फिर से अपनी पुरानी आदतों में लौट जाता है। इसे रोकने के लिए सरकार द्वारा विशेष जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे, जिससे बच्चों को शिक्षित किया जा सके और उन्हें नशे से दूर रखा जा सके।