meerut tripal murder meerut gudri bazar tripal murder meerut 6 accused of Guddi Bazaar triple murder sent to Central Jail | गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर के 6 दोषी गए सेंट्रल जेल: कोर्ट ने 10 दोषियों को सुनाई थी उम्रकैद की सजा, 4 अभी मेरठ जेल में ही – Meerut News

तिहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी इजलाल कुरैशी।

मेरठ कोतवाली के गुदड़ी बाजार में तिहरे हत्याकांड के 6 दोषियाें को मेरठ जेल से आगरा सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। तिहरे हत्याकांड में कोर्ट ने अगस्त 2024 को 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिन कैदियों काे सेंट्रल जेल भेजा गया है उनमें इजहार, देवे

.

इन तीनों युवकों की हुई थी हत्या।

इन तीनों युवकों की हुई थी हत्या।

1 अगस्त 2024 को कोर्ट ने 10 आरोपियों इजलाल कुरैशी पुत्र इकबाल, अफजाल पुत्र इकबाल, महराज पुत्र मेहताब, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र उस्मान, बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श पर हत्या समेत तमाम धाराओं और शीबा सिरोही पर हत्या के लिए उकसाने के आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया था। हत्याकांड के दो आरोपी इसरार और माजिद की मौत हो चुकी थी। एक आरोपी शम्मी जेल में है, उसका ट्रायल चल रहा है। परवेज को नाबालिग बताए जाने के चलते हाईकोर्ट में अपील पेंडिंग है।

शीबा और इजलाल की आबूलेन पर हुई थी पहली मुलाकात

एमबीए पास शीबा सिरोही की मां मेरठ के नामचीन सीबीएसई स्कूल की प्रिंसिपल थी। पति सेना में कैप्टन थे। शीबा सिरोही का अपने पति से विवाद चल रहा था। पिता की मौत हो चुकी थी। मां ने मेरठ से दुबई चली गई थी। शीबा गंगानगर के राधा गार्डन में अकेली रहती थी। साल 2006 में शीबा सिरोही अपनी एक सहेली के साथ आबूलेन स्थित नामचीन ब्रेकरी पर गई थी। वहां शीबा को उसकी जान पहचान का एक युवक मिला। उसके साथ इजलाल कुरैशी भी था। शीबा के उसी जानकार ने इजलाल से मुलाकात कराई।

सजा सुनाए जाने के बाद शीबा को जेल ले जाती पुलिस।

सजा सुनाए जाने के बाद शीबा को जेल ले जाती पुलिस।

इजलाल को शीबा के परिचित ने हिंदू नाम बताकर मिलवाया था। दूसरी मुलाकात में इजलाल ने शीबा का नंबर ले लिया। बातें होनी लगी। इजलाल का रुआब और पैसे देखकर शीबा उसके करीब पहुंच गई। इजलाल शीबा को लेने राधा गार्डन जाता था। पूरी काॅलोनी में इस बात का पता चल चुका था कि शीबा का जिसके साथ आना-जाना है, वो कोतवाली के गुदड़ी बाजार का मीट कारोबारी इजलाल कुरैशी है। मेरठ कॉलेज में पढ़ने वाले राधा गार्डन के एक लड़के ने यह बात अपने जानकार सुधीर उज्ज्वल, सुनील ढाका और पुनीत गिरि को बताई। उनसे कहा कि दूसरे समुदाय का लड़का काॅलोनी में आकर शीबा को साथ बिठाकर ले जाता है। सुनील, सुधीर और पुनीत ने इजलाल को वहां जाने से मना किया लेकिन वो नहीं माना। तीनों की इजलाल के साथ मारपीट हुई। फिर कुछ लोगों की मध्यस्थता के बाद तीनों की इजलाल से करीबियां हो गईं। शीबा इजलाल को तीनों से बात करने से रोकती थी। लेकिन इजलाल के दिमाग में कुछ ओर ही चल रहा था। वो पिटाई का बदला लेना चाहता था।

इस तरह दिया वारदात को अंजाम

22 मई 2008 की रात सुनील ढाका, सुधीर और पुनीत गिरि विक्टोरिया पार्क में स्वीमिंग पूल में दोस्तों के साथ नहा रहे थे। इजलाल ने तीनों को बात करने के बहाने गुदड़ी बाजार बुलाया। तीनों एस्टीम कार से गुदड़ी पहुंचे। यहां पर विवाद हुआ। इसके बाद इजलाल ने सबसे पहले सुधीर उज्जवल को तीन गोलियां मारकर चबूतरे के भीतर जीने के नीचे फेंक दिया। धारदार हथियार से भी कई जगह वार किए। इजलाल ने अपने भाइयों और साथियों से सुनील और पुनीत को पकड़ने के लिए कहा। दोनों को पाइपों से पीटा। मुर्गा बनाया। छुरों से गले काटे गए।

शीबा सिरोही औैर इजलाल

शीबा सिरोही औैर इजलाल

तीनों शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई क्रूरता पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुधीर उज्ज्वल के शरीर पर गोलियों के तीन निशान मिले थे। एक गोली माथे पर, दूसरी गोली कंधे पर और तीसरी गोली घुटने में लगी थी। माथे और सिर की हड्डी टूटी हुई थी। बाएं कंधे और जबड़े पर भी चोट के निशान थे। पुनीत गिरी के गले में 17 सेमी लंबा और साढे़ तीन सेमी गहरा गले की हड्डी तक कटा हुआ घाव था। जिससे नसें और सांस गले की हड्डी तक काटा गया था। चेहरे पर 6.30 सेमी लंबा हड्डी तक कटा हुआ घाव था। बाएं तरफ गर्दन पर पीछे चार सेमी लंबा घाव और सीने पर 2 सेमी लंबा कटा हुआ घाव था। पुनीत की सांस की नाली कटी हुई थी। सिर की हड्डी और आंख के ऊपर की हड्डी तक गहरे घाव थे। मस्तिष्क और झिल्लियां भी फट चुकी थीं। सुनील ढाका की गर्दन पर काटने के कई निशान थे। सांस की नली और रक्त वाहिनियां काटी गईं थी। सीने, सिर, माथे पर आंखों के ऊपर की हड्डियों के कई टुकड़े टूटे हुए थे।

गिरफ्तारियां हुईं, 14 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुए इजलाल समेत 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। शीबा सिरोही को हत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया। इसके बाद शीबा सिरोही की गिरफ्तारी हुई। हालांकि इस मुकदमे में शीबा हाईकोर्ट से स्टे आर्डर ले आई, जिसके बाद उसको दो महीने के भीतर ही जमानत मिल गई। शीबा इसके बाद अपनी मां के पास दुबई भी रही। सजा सुनाए जाने तक वो गौतमबुद्धनगर में रहकर नौकरी कर रही थी।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *