सांसद मनीष तिवारी चंडीगढ में मीडिया से बातचीत करते हुए।
अमेरिका द्वारा हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर लाए गए 104 भारतीयों के मुद्दे ने देश की सियासत गरमा दी है। कांग्रेस इस मुद्दे को सड़क से लेकर संसद तक उठा रही है। इस बीच चंडीगढ़ के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार क
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उनका कहना है कि देश के विदेश मंत्री ने जिस तरह से राज्यसभा और लोकसभा में बयान दिया है, उससे यह साफ नहीं हो रहा है कि वह भारत के विदेश मंत्री हैं या ट्रंप सरकार के प्रवक्ता। जिस तरह से भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर लाया गया है, उससे ऐसा लग रहा है जैसे भारत की आजादी के समय अंग्रेज स्वतंत्रता सेनानियों को काला पानी ले जाते थे।
जो कुछ भी हुआ, वह निंदनीय
दरअसल मनीष तिवारी जब चंडीगढ़ नगर निगम भवन पहुंचे तो मीडिया ने उनसे सवाल किया कि अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए लोगों के विमान के अमृतसर में उतरने पर राजनीति गरमा गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस तरह से विमान को उतारकर पंजाब को बदनाम करने की कोशिश की गई है।
इसके जवाब में सांसद ने कहा कि जो कुछ भी हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। उन्होंने कहा, मुझे समझ में नहीं आता कि भारत के विदेश मंत्री भारत के विदेश मंत्री हैं या ट्रंप सरकार के प्रवक्ता। कल उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में जिस तरह का बयान दिया। इस बात को सही ठहराते हुए कहा कि हथकड़ी और बेड़ियां लगाना बिल्कुल सही है। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय कुछ नहीं हो सकता। उनके भाषण में निंदा का एक भी शब्द नहीं था।
![अमेरिका से डिपोर्ट किए भारतीयों की तस्वीरें..।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/07/comp1-ezgifcom-video-to-gif-converter-31738826994_1738919482.gif)
अमेरिका से डिपोर्ट किए भारतीयों की तस्वीरें..।
डिपोर्ट किए गए लोग क्रिमिनल नहीं : सांसद
सांसद ने कहा कि भारतीयों के साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसा प्रतीत होता था कि जैसे अंग्रेज भारत के फ्रीडम फाइटर को काले पानी में लेकर जाते थे। वह लोग कोई क्रिमिनल नहीं है। उन्हें यहां पर कोई मौका नहीं मिलता है, इसलिए वह वह बाहर गए। यह बात ठीक है कि वह अवैध तरीके से विदेश गए।
आज तक इस बात का जवाब भारत सरकार की तरफ से नहीं आया है क्या अमेरिका का जो कानून है, क्या लोगों को डिपोर्ट करते समय उसका पालन किया गया या नहीं। जिस तरह से लोगों को डिपोर्ट किया गया और उसके बाद अमेरिकी सरकार द्वारा औपचारिक वीडियो शेयर किए गए।
हथकड़ी, बेडियां लगाकर चालीस-चालीस घंटे न उन्हें खाना दिया और न ही पानी दिया गया। न उनको शौचालय की सुविधा दी गई। इससे निंदनीय क्या बात हो सकती है।