Himachal Milk Cess Environment Cess electricity bill Shimla | हिमाचल में बिजली बिल पर मिल्क-एनवायरमेंट सेस: 300 यूनिट पर 30 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे, 25 लाख कंज्यूमर को झटका, शून्य बिल वालों को राहत – Shimla News

हिमाचल में फरवरी महीने से महंगी होगी बिजली

हिमाचल प्रदेश में इस महीने से बिजली महंगी हो जाएगी। कांग्रेस सरकार ने फरवरी महीने के बिजली के बिल पर मिल्क सेस और एनवायरमेंट सेस शामिल कर दिया है।

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घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट तथा अन्य श्रेणी उपभोक्ताओं के लिए बिजली के रेट 2 पैसे से 6 रुपए तक प्रति यूनिट तक बढ़ेगें। इसका असर राज्य के 25 लाख से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। जिन उपभोक्ताओं का शून्य बिल होगा, उनसे मिल्क सेस नहीं लिया जाएगा।

घरेलू उपभोक्ताओं पर मिल्क सेस, अन्य पर मिल्क और एनवायरमेंट सेस दोनों

बिजली के घरेलू उपभोक्ताओं पर मिल्क सेस लगाया गया है। दूसरी सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं पर दूध के साथ एनवायरमेंट सेस भी लगाया गया है।

हिमाचल की पूर्व भाजपा सरकार ने चुनावी साल में 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने का फैसला लिया था। इससे राज्य में ढाई साल से जो उपभोक्ता 125 यूनिट या इससे कम बिजली खर्च कर रहे हैं, उन्हें बिल नहीं आता।

300 यूनिट खर्च करने वाले पर 30 रुपए अतिरिक्त का बोझ

125 से एक भी यूनिट एक्ट्रा खर्च करने पर 126 यूनिट का बिल आता है। ऐसे में घरेलू उपभोक्ता पर मिल्क सेस लगने के बाद प्रति यूनिट 10 पैसे अतिरिक्त शुक्ल देना होगा। यानी 126 यूनिट खर्च करने वाले उपभोक्ता को 12.6 रुपए हर महीने मिल्क सेस देना होगा। 300 यूनिट बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ता को 30 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे।

इन उद्योगों से पर्यावरण उपकर लिया जाएगा

राज्य के स्मॉल, मार्जिनल और बड़े उद्योगों, स्टोन क्रशर, अस्थायी कनेक्शन, चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर लिया जाएगा। इन उद्योगों से 10 पैसे के मिल्क सेस लिया जाएगा। साथ में एनवायरमेंट सेस भी चुकाना होगा। एनवायरमेंट सेस 2 पैसे से लेकर 6 रुपए तक प्रति यूनिट देना होगा।

उद्योगों की 3 कैटेगरी बनाई

बिजली बोर्ड ने एनवायरमेंट सेस लेने के लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों में बांटा है। इनमें लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों तीन श्रेणी में शामिल किए गए।

सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम पूरा

राज्य सरकार ने इसके लिए बीते साल विधानसभा में विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच पारित किया था। इसे राज्यपाल की मंजूरी को भेजा गया है। राज्यपाल की भी मंजूरी मिल गई है। इसके बाद दूध और पर्यावरण सेस वसूलने के लिए बिजली बोर्ड को सॉफ्टवेयर में बदलाव करने में लगभग तीन महीने का समय लग गया।

अब सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम पूरा हो गया है। लिहाजा फरवरी महीने के बिजली के बिल दूध और पर्यावरण सेस के साथ जारी होंगे।

दूध उत्पादन बढ़ाने में इस्तेमाल होगा राजस्व

सुक्खू सरकार का दावा है कि मिल्क सेस से इकट्ठा होने वाले राजस्व का इस्तेमाल हिमाचल में दूध उत्पादन बढ़ाने और दूध उत्पादकों को फायदा पहुंचाने के लिए होगा।

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