जम्मू4 घंटे पहलेलेखक: रउफ डार
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कश्मीर के पुंछ में सुरक्षाबलों ने घुसपैठ को नाकाम कर 2 आतंकियों को मार गिराया। आतंकी LoC से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। जब सुरक्षाबलों ने रोका तो फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए।
हालांकि एक आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भाग गया। जम्मू के सिक्योरिटी स्पोक्सपर्सन ने बताया कि घटना देर शाम की है। पुंछ जिले के खारी करमारा इलाके में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।

पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास पुंछ सेक्टर में जवानों और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई।
19 जनवरी को भी हुई थी मुठभेड़
कश्मीर के सोपोर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच 19 जनवरी की शाम को भी हुई थी। इस दौरान सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों की घेराबंदी की थी। हालांकि दोनों भागने में कामयाब रहे थे। सुरक्षाबलों को आतंकवादियों का इनपुट मिला था।
पुलिस ने बताया था कि इनपुट के आधार पर सुरक्षाबल सोपोर के जालोरा गुज्जरपति में सर्च ऑपरेशन कर रहे थे। इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबल के जवानों पर फायरिंग कर दी। काफी देर तक दोनों ओर से फायरिंग के बाद आतंकी भागने में कामयाब रहे।
19 जनवरी की मुठभेड़ की 3 तस्वीरें…

सोपोर पुलिस और सुरक्षाबल इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे।

तलाशी के दौरान सुरक्षा बलों पर आतंकियों ने फायरिंग की।

सेना ने भी इलाके की घेराबंदी कर जवाबी फायरिंग की।
19 दिसंबर को 5 आतंकियों को ढेर किया था 19 दिसंबर को कुलगाम जिले के कद्देर इलाके में सेना और पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में 5 आतंकियों को ढेर कर दिया था। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर फारूक अहमद भट्ट भी शामिल था। मुठभेड़ में 2 जवान भी घायल हुए थे।

हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर फारूक अहमद भट्ट घाटी में पिछले दिनों हुए हमलों में शामिल था।
जम्मू में जैश और लश्कर का 20 साल पुराना नेटवर्क एक्टिव जम्मू रीजन में सेना ने 20 साल पहले पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के जिस लोकल नेटवर्क को सख्ती से निष्क्रिय कर दिया था, वो पूरी ताकत से फिर एक्टिव हो गया है। पहले ये लोग आतंकियों का सामान ढोने का काम करते थे, अब उन्हें गांवों में ही हथियार, गोला बारूद और खाना-पीना दे रहे हैं।
दिसंबर में 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था। उन्होंने पूछताछ में बताया था कि लोकल नेटवर्क जम्मू के 10 में से नौ जिलों राजौरी, पुंछ, रियासी, ऊधमपुर, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़, जम्मू और रामबन में जम चुका है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद्य के मुताबिक, आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान आर्मी और ISI ने जम्मू को टारगेट करना शुरू कर दिया था। उसने 2 साल में इस नेटवर्क को सक्रिय किया। इन्हीं की मदद से आतंकियों ने 2020 में पुंछ और राजौरी में सेना पर बड़े हमले किए। फिर ऊधमपुर, रियासी, डोडा और कठुआ को निशाने पर लिया।

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