Himachal Pradesh weather forecast Light drizzle heat wave Shimla Manali Dharmshala Hamirpur Mandi Kangra | हिमाचल में हल्की बूंदाबांदी, भीषम गर्मी से राहत: कल से अगले 3 दिन फिर हीट-वेव का अलर्ट; 29 मई तक बारिश के आसार नहीं – Shimla News

शिमला में रिज पर सुहावने मौसम का आनंद उठाते हुए सैलानी।

हिमाचल प्रदेश के कुछेक स्थानों पर बीते 24 घंटे के दौरान हल्की बारिश के बाद भीषण गर्मी से कुछ राहत मिली है। इससे प्रदेश का औसत तापमान नॉर्मल से 1.5 डिग्री नीचे गिरा है। बीते 24 घंटे के दौरान चंबा और बिलासपुर के तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ

.

प्रदेश के 10 जिलों में लगातार सात दिन तक हीट वेव महसूस की गई। मगर आज के लिए कोई अलर्ट नहीं है। मौसम विभाग ने कल से तीन दिन तक दोबारा हीट​​​​​​​ वेव चलने का दोबारा अलर्ट जारी किया है। चिंता इस बात की है कि अगले छह यानी 29 मई तक बारिश के आसार नहीं है। इससे तापमान में और उछाल आएगा।

कहां कितनी बारिश हुई

प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान सुजानपुर में 6 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि सुंदरनगर में 3.2 मिलीमीटर, पालमपुर में 3 मिलीमीटर, बिलासपुर में 3 मिलीमीटर, संगड़ाह में 2 मिलीमीटर, कंडाघाट में 1.6 मिलीमीटर, कांगड़ा में 0.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे भीषण गर्मी से राहत मिली है।

प्रदेश के प्रमुख शहरों का तापमान

बेशक, हल्की बारिश के बाद कुछ शहरों में गर्मी से राहत मिली है। मगर ऊना में अभी भी तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। वहीं बरठी में 36.4 डिग्री, धौलाकुंआ 37 डिग्री, कांगड़ा 34.8 डिग्री, ​​​​​​​सुंदरनगर 34.7 डिग्री, ​​​​​​​चंबा 35.4 डिग्री, ​​​​​​​भुंतर 34.4 डिग्री, धर्मशाला 30.7 डिग्री, ​​​​​​​नाहन 33.8 डिग्री, ​​​​​​सोलन 32 डिग्री, मंडी 34.4 डिग्री, ​​​​​​​हमीरपुर 36.4 डिग्री और ​​​​​​​​​​​​​​बजौरा का तापमान 33.2 पहुंच गया है।

सूखने की कगार पर पहुंची गिरी पेयजल योजना, ठीक इसी तरह अन्य नदी-नालों में भी प्रतिदिन पानी सूखता जा रहा है। जल्दी अच्छी बारिश नहीं हुई तो प्रदेश में पानी के लिए हाहाकार जैसे हालात पनप सकते हैं।

सूखने की कगार पर पहुंची गिरी पेयजल योजना, ठीक इसी तरह अन्य नदी-नालों में भी प्रतिदिन पानी सूखता जा रहा है। जल्दी अच्छी बारिश नहीं हुई तो प्रदेश में पानी के लिए हाहाकार जैसे हालात पनप सकते हैं।

सूखने लगे पेयजल और सिंचाई के स्त्रोत

प्रदेश में लंबे समय से अच्छी बारिश नहीं होने और सर्दियों में कम बर्फबारी के कारण पेयजल व सिंचाई के स्त्रोत सूखने लगे है। इससे अधिकतर योजनाओं में पानी का स्तर गिर गया है और शिमला सहित प्रदेश के दूसरे शहरों व गांव में पानी की राशनिंग शुरू हो गई है।

सूखे के कारण किसानों की फूलगोभी, टमाटर, मटर, फ्रांसबीन, लहसुन और बंदगोभी की फसल को भी नुकसान हो रहा है। इससे किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठा है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *