Lok Sabha Election 2024 Opinion; PM Modi BJP Campaign Rallies Vs Congress | भास्कर ओपिनियन: शुरुआत में एकतरफ़ा माने जाने वाला चुनाव कैसे मुक़ाबले में आ गया?

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30 मिनट पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर

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लोकसभा चुनाव के लिए मतदान का छठा चरण 25 मई को है। इसके बाद एक ही चरण रह जाएगा जो एक जून को होना है। इतने चरणों के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को मोटा- मोटा अंदाज लग ही जाता है कि क्या होने वाला है। एग्जेक्ट न सही, तो कम से कम आने वाले परिणामों की दिशा का तो संकेत मिल ही जाता है।

मन ही मन सब मन भी बना लेते हैं कि हार या जीत के बाद कहना क्या है। मुँह खोलना भी है या नहीं! जीत के बाद नेता की प्रशंसा के पुल बांधे जाते हैं और हार के बाद वहीं आत्म चिंतन, आत्मावलोकन जैसे भारी- भारी शब्दों को मुँह लगा लिया जाता है। खैर, देखा जाए तो यह चुनाव कई मायनों में पिछले लोकसभा चुनावों से एकदम अलग रहा। जैसे चुनाव घोषित होने तक भी यह पूरी तरह से एकतरफ़ा माना जा रहा था और यही वजह थी कि लोगों, ख़ासकर पार्टी कार्यकर्ताओं तक की रुचि पहले की तरह दिखाई नहीं दे रही थी।

PM ने मध्य प्रदेश में कहा कि मोदी को 400 सीटें चाहिए, ताकि मैं कांग्रेस और इंडी गठबंधन की हर साजिश को रोक सकूं।

PM ने मध्य प्रदेश में कहा कि मोदी को 400 सीटें चाहिए, ताकि मैं कांग्रेस और इंडी गठबंधन की हर साजिश को रोक सकूं।

माना ही जा रहा था कि जिस तरह सत्ता पक्ष बेहद आक्रामकता लिए हुए है और जिस तरह समूचा विपक्ष सोया हुआ है, कुछ भी नया नहीं होने वाला है। राज- पाट सबकुछ यही रहने वाला है जो अभी है। ऐसा पहले कभी नही हुआ। हारे, जीते कोई भी लेकिन पक्ष और विपक्ष दोनों बराबरी से लड़ते रहे, जो इस बार दिखाई नहीं दे रहा था। लेकिन पहले चरण का मतदान जैसे ही हुआ, इस बार भी बहुत कुछ मुक़ाबले में आ गया। कहा जाने लगा कि अब टक्कर तो है। लोगों की रुचि बढ गई। चुनाव प्रचार भी दिन ब दिन इंटरेस्टिंग होता चला गया।

आश्चर्य की बात है कि जिस कांग्रेस को कार्यकर्ताओं के बल पर या अपने मुद्दों, सिद्धांतों और नीतियों के बल पर जो ऊर्जा मिलनी चाहिए थी, वह ऊर्जा उसे पहले चरण के कम वोटिंग प्रतिशत से मिली। ऐसा नहीं है कि इस कम वोट प्रतिशत से सत्ता पक्ष घबराया नहीं, उसके भीतर भी एक अजीब सी हलचल मच गई थी। प्रचार के दौरान फिर सत्ता पक्ष और भी आक्रामक हो गया। इतना आक्रामक कि अगले चरण से वोटिंग प्रतिशत बढ़ने लगा।

राहुल गांधी ने 18 मई को दिल्ली में कहा कि हमारा लक्ष्य इस संविधान की रक्षा करना है। क्योंकि यही आपका भविष्य है, आपका सपना है और आपकी दिल की आवाज है।

राहुल गांधी ने 18 मई को दिल्ली में कहा कि हमारा लक्ष्य इस संविधान की रक्षा करना है। क्योंकि यही आपका भविष्य है, आपका सपना है और आपकी दिल की आवाज है।

वैसे ही जैसे चुनाव परिणाम की तारीख़ चार जून क़रीब आते- आते शेयर बाजार भी उछाले मारने लगा है। गुरुवार को बाज़ार क़रीब बारह सौ अंक ऊपर बंद हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में कह दिया था कि चार जून को जैसे ही भाजपा सीटों के रेकॉर्ड नंबर को छुएगी, बाज़ार भी बहुत ऊपर जाएगा। प्रधानमंत्री के इस कथन को शेयर बाजार ने दिल पर ले लिया। वह वाक़ई उछाले मारने लगा। चार जून तक जाने क्या होने वाला है!

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