हरियाणा पूर्व मंत्री राम बिलास शर्मा।
हरियाणा के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है। इस याचिका में एक 26 वर्षीय युवक को परेशान कर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट में याचिका पर जल्द सुनवाई होगी।
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याचिकाकर्ता कैलाश चंद शर्मा ने ये याचिका डाली है। याचिका में कहा गया है कि पोस्टमार्टम के बाद शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया है। परिवार की मांग है कि शव का अंतिम संस्कार तभी करेंगे जब पुलिस रामबिलास शर्मा, उनके बेटे और उनके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी।
सुसाइड का ये कारण बताया
याचिका के अनुसार शर्मा और उनके सहयोगियों ने सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष राजनीतिक व्यक्ति होने की अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके याचिकाकर्ता के परिवार को बहुत परेशान, अपमानित और धमकाया और याचिकाकर्ता को विभिन्न आपराधिक मामलों में झूठा फंसाया। ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि याचिकाकर्ता के बेटे के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
याचिकाकर्ता के अनुसार, उनके बेटे मोहित (अब मृत) को पहले पोक्सो अधिनियम के तहत झूठा फंसाया गया था।
अदालत द्वारा जमानत दिए जाने से पहले उसे तीन महीने तक जेल में रखा गया था। यहां तक कि जेल के अंदर भी रामबिलास शर्मा के गुर्गों ने उनकी पिटाई की।
CM से मिल चुका याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री से मिले थे, जिन्होंने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन रामबिलास शर्मा के प्रभाव के कारण आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता के अनुसार अपने परिवार के साथ हो रहे अन्याय और दुर्व्यवहार को देखकर उसके बेटे ने छोटी उम्र में ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
पूर्व मंत्री ने दिए थे 22 करोड़ रुपए
याचिकाकर्ता कैलाश चंद शर्मा ने दावा किया है कि 1996 से 2016 तक उनके पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ अच्छे संबंध थे और वह उनके साथ पैसों का लेन-देन करते थे। याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने रामबिलास शर्मा की मांग पर विभिन्न अवसरों पर करीब 22 करोड़ रुपये दिए थे। दुर्भाग्यवश याचिकाकर्ता की फैक्ट्री प्राकृतिक आपदा में नष्ट हो गई।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने रामबिलास शर्मा से कुछ धनराशि वापस मांगी, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया, जिसके कारण उनके बीच दुश्मनी पैदा हो गई।
पत्नी भी पी चुकी जहर
याचिका के अनुसार, रामबिलास शर्मा की क्रूरता के कारण, इससे पहले याचिकाकर्ता की पत्नी ने डीडीटी पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था, लेकिन समय पर उपचार मिलने के कारण उसे बचा लिया गया था। पिछले साल अगस्त में ठीक होने के बाद दिए गए बयान में भी उसने रामबिलास शर्मा, उसके बेटे और उनके साथियों का नाम लिया था। लेकिन राज्य द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।