Friday and Ekadashi combination on 10th January, significance of ekadashi in hindi, vishnu puja vidhi, ekadashi vrat vidhi | शुक्रवार और एकादशी का योग 10 जनवरी को: भगवान विष्णु के साथ ही शुक्र ग्रह की भी करें पूजा, दूध और चावल का करें दान

ऐसे कर सकते हैं भगवान विष्णु की पूजा

एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके बाद घर के मंदिर में गणेश जी का ध्यान करें। गणेश पूजा करें।

गणेश पूजन के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति पर दक्षिणावर्ती शंख से दूध, जल चढ़ाएं।

जल चढ़ाने के बाद वस्त्र और हार-फूल से श्रृंगार करें। पीले फूल, तुलसी पत्र, फल, पंचामृत, चंदन आदि अर्पित करें।

विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

पूजा के बाद भगवान से जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगे। जो लोग एकादशी व्रत करना चाहते हैं, वे भगवान के सामने एकादशी व्रत करने का संकल्प लें।

एकादशी व्रत में दिनभर निराहार रहना होता है, जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार और दूध का सेवन करते हैं। दिनभर भगवान विष्णु का ध्यान करते हैं, उनकी कथाएं पढ़ते-सुनते हैं। मंत्र जप करते हैं।

इस दिन जरुरतमंद लोगों को पीले वस्त्र, भोजन और धन का दान करना चाहिए। गाय को हरी घास खिलाएं। पक्षियों को दाना दें।

जो लोग एकादशी व्रत करते हैं, उन्हें नकारात्मक विचार और क्रोध से बचना चाहिए। मन और वाणी की पवित्रता बनाए रखें। झगड़ों से बचें। धर्म के अनुसार आचरण रखें।

अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के पहले जागें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और फिर खुद भोजन करें। इस तरह एकादशी व्रत पूरा होता है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *