सांसद मनीष तिवारी का फाइल फोटो।
चंडीगढ़ समेत ट्राइसिटी में मेट्रो प्रोजेक्ट की आवश्यकता पर जोर देते हुए चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने इसके खर्च का व्यावहारिक समाधान सुझाया। उन्होंने कहा कि 21 हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत में से 10 हजार करोड़ केंद्र सरकार वहन करे, जबकि शेष 11 ह
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यह सुझाव सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस में हुई एडवाइजरी काउंसिल की ट्रांसपोर्ट सब-कमेटी की बैठक के दौरान दिया गया। बैठक की अध्यक्षता सांसद मनीष तिवारी ने की। उन्होंने कहा कि निजी गाड़ियों की बढ़ती संख्या के कारण अगले 10 सालों में मेट्रो के बिना ट्राइसिटी का यातायात प्रबंधन असंभव हो जाएगा।
सांसद तिवारी ने मेट्रो प्रोजेक्ट में हो रही देरी पर चिंता जताई और अधिकारियों से इस मामले को युनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की बैठक में उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेट्रो का लाभ चंडीगढ़ के साथ-साथ मोहाली और पंचकूला जैसे इलाकों को भी होगा।
सीटीयू बस ऐप को लेकर जागरूकता की कमी बैठक में चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) द्वारा लॉन्च किए गए ‘ट्राइसिटी बस’ ऐप के बारे में चर्चा हुई। सांसद ने कहा कि यह एप यात्रियों के लिए बेहद उपयोगी है, लेकिन इसके प्रति जागरूकता की कमी है। उन्होंने निर्देश दिए कि एप की जानकारी आम जनता तक पहुंचाई जाए।
सांसद तिवारी ने शहर में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) चार्जिंग स्टेशनों की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि वर्तमान में कितने चार्जिंग स्टेशन चालू हैं और कितने नए स्टेशन बनाए जाने की योजना है। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि मौजूदा स्टेशनों की दशा में सुधार किया जाए ताकि लोगों को असुविधा न हो।
सांसद ने जोर देकर कहा कि मेट्रो परियोजना केवल ट्राइसिटी के यातायात को बेहतर बनाएगी बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगी। इस प्रोजेक्ट को जल्द शुरू करने के लिए केंद्र और संबंधित राज्यों को साझा प्रयास करने होंगे।