Bhaskar Question: Will Nirmala’s membership remain or will it go? | भास्कर सवाल: निर्मला की सदस्यता बचेगी या जाएग: विधानसभा अध्यक्ष बोले- सप्रे का मामला विधानसभा के साथ न्यायालय में भी, टिप्पणी की आवश्यकता नहीं – Sagar News


बीना विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता रहेगी या जाएगी? उनका यह मामला कब तक सुलझेगा। इसका जवाब फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पास भी नहीं है। भास्कर से विशेष बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने सिर्फ यही कहा कि मामला न्यायालय में होने के क

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विधानसभा अध्यक्ष तोमर सोमवार को सागर में थे। इस दौरान वे विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस बीच बीना से विधायक निर्मला सप्रे ने भी उनसे मुलाकात की। हालांकि दोनों के बीच क्या चर्चा हुई, यह सामने नहीं आ सका।

विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने भास्कर से विशेष बातचीत में कहा कि इस बार का विधानसभा सत्र सफल रहा। इस सत्र में सर्वाधिक सवाल आए। इसकी वजह उन्होंने विधायकों को ही बताते हुए उन्हें धन्यवाद भी दिया। विधानसभा अध्यक्ष तोमर से चर्चा के अंश…

Q. डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाने विधानसभा से अशासकीय संकल्प पास हुआ था, वह आगे बढ़ सकता है या नया लाना होगा?

भारत रत्न देने का विषय केंद्र सरकार का है। पूर्व में कोई संकल्प विधानसभा में आया है या नहीं, फिलहाल यह मेरी जानकारी में नहीं है।

Q. क्षत्रिय समाज के कार्यक्रम में आप आए, ऐसे आयोजन समाज-राजनीति के लिए कितने जरूरी हैं?

समाज कोई भी हो, उसके सामाजिक कार्यक्रम के पीछे की नीयत अच्छी होना चाहिए। निश्चित रूप से सामाजिक कार्यक्रमों का लाभ होता है।

Q. बीना विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता के मामले में फैसला कब तक आ सकता है?

नियम प्रक्रिया के बीच में है। विधानसभा में भी सुनवाई चल रही है। न्यायालय में भी मामला लगा हुआ है। इसलिए उस पर बहुत टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है।

Q. विधानसभा में खूब व्यवधान हुआ, सत्र व्यवस्थित चले, इसको लेकर क्या प्लान है?

मैं समझता हूं सत्र पूरा चला है। 5 दिन का सत्र था। पांच दिन के सत्र में जो कार्यवाही होना थी, वह पूरी हुई है। बिल भी पास हुए हैं। अशासकीय संकल्प भी पारित हुए हैं। प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण भी हुआ है। मैं समझता हूं यह सत्र उपलब्धि कारक रहा है। स्वाभाविक रूप से सदन की कार्रवाई ठीक से चली है।

Q. जानकारी आई है कि बहुत बड़ी संख्या में विधायकों ने सवाल ही नहीं लगाए?

ऐसा नहीं है। कारण क्या है कि स्वाभाविक रूप से प्रश्नकाल दो भागों में विभक्त रहता है। एक तारांकित और दूसरा अतारांकित। तारांकित प्रश्न एक दिन में 25 आने की संख्या है। संभवत: इसी की बात हो रही है। विधानसभा में इस सत्र में सर्वाधिक प्रश्न आए हैं।

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