गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल ने अलग-अलग इलाज के लिए अलग-अलग गाइडलाइन की घोषणा की
बीते नवंबर को अहमदाबाद में ख्याति हॉस्पिटल द्वारा किए गए पीएमजेएवाई योजना घोटाले के 40 दिन बाद गुजरात सरकार एक्शन में आई है। राज्य सरकार ने आज नई एसओपी की घोषणा की है। इसमें अब केवल कार्डियोलॉजी सेवाओं के लिए पूर्णकालिक काम करने वाले केंद्रों को ही म
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गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की नई एसओपी में अलग-अलग इलाज के लिए अलग-अलग गाइडलाइन की घोषणा की है। जारी की गई नई एसओपी के मुताबिक, एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी कराने वाले मरीज के परिवार और स्वास्थ्य विभाग को सबूत के तौर पर उसकी सीडी भी देनी होगी।
कार्डियोलॉजी सेवाएं
- केवल उन्हीं केंद्रों को कार्डियोलॉजी क्लस्टर के लिए मान्यता देने का निर्णय लिया गया है, जिनके पास कार्डियोलॉजी सेवाओं के लिए पूर्णकालिक हृदय रोग विशेषज्ञ और कार्डियोथोरेसिक सर्जन हैं। इसके अलावा, अस्पतालों में पूर्णकालिक कार्डियक एनेस्थेटिस्ट और फिजियोथेरेपिस्ट की आवश्यकता होगी।
- केवल कार्डियोलॉजी सेवाएं प्रदान करने वाला केंद्र ही विशेष मामलों में एंजियोप्लास्टी कर सकता है जहां आपातकालीन उपचार बिल्कुल आवश्यक है।
- अस्पतालों को नियुक्ति के समय एंजियोग्राफी के साथ-साथ एंजियोप्लास्टी की सीडी/वीडियोग्राफी भी अपलोड करनी होगी।
कैंसर उपचार
- कैंसर मरीज की जरूरत के मुताबिक, इलाज का प्लान निश्चित करने के लिए मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का एक संयुक्त पैनल ट्यूमर बोर्ड के रूप में कैंसर रोगी की आवश्यकता के अनुसार उचित उपचार योजना निर्धारित करेगा और टीबीसी (ट्यूमर बोर्ड प्रमाणपत्र) में मरीज का ट्रीटमेंट प्लान तय करेगा। टीबीसी (ट्यूमर बोर्ड सर्टिफिकेट) अपलोड करना अनिवार्य होगा।
- कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन थैरेपी में सही उपचार और पैकेज चुनने की सुविधा के लिए रेडिएशन पैकेज में भी जरूरी सुधार किए गए हैं।
- महिलाओं में पाए जाने वाले कैंसर जैसे, सर्वाइकल कैंसर, योनि कैंसर या अन्य कैंसर जहां ब्रैकीथेरेपी की आवश्यकता होती है। ऐसे मामलों में जहां अस्पताल में ब्रैकीथेरेपी की सुविधा है, वहीं, पीएमजेएवाई के तहत इलाज करवाया जा सकेगा। ब्रैकीथेरेपी के लिए अस्पताल टाई-अप नहीं चलेगा।
- रेडियोथेरेपी मशीन के लिए तय क्वॉलिटी कंट्रोल गुणवत्ता का पालन कर हॉस्पिटल रिकॉर्ड रखना आवश्यक होगा।
राज्य के सभी अस्पतालों में उपचार संबंधी कार्यों की गहन निगरानी के लिए राज्य एंटी-फ्रॉड यूनिट (एसएएफयू) को मजबूत किया जाएगा।
- योजना के तहत निजी अस्पतालों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकारी और जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेजों की एक अलग टीम बनाई गई है।
- SAFU टीम के निर्देशानुसार टीमअपने जिलों में सूचीबद्ध अस्पतालों में जाकर इलाज का सत्यापन करेंगे और यदि लाभार्थी की कोई शिकायत है, तो वे इसे सरकार के ध्यान में लाएंगे।
- सीडीएचओ/एमओएच मासिक आधार पर कम से कम दो अस्पतालों का ऑडिट दौरा करेंगे।
- तीसरे पक्ष के ऑडिट के हिस्से के रूप में निविदा प्रक्रिया के माध्यम से एक फील्ड ऑडिट की योजना बनाई जाएगी। जिसमें फील्ड ऑडिट टीम प्रतिदिन दो से तीन प्रतिशत मामलों का फील्ड ऑडिट करेगी।
- बीमा कंपनी द्वारा अधिक संख्या में विशेषज्ञ और सुपर विशेषज्ञ उपलब्ध कराकर डेस्क ऑडिट और फील्ड ऑडिट को गहन बनाया गया है।
- एनएचए से अस्पतालों द्वारा उपचार पैकेजों के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक ट्रिगर उत्पन्न करने का अनुरोध किया गया है।
- गुजरात सरकार का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार और गुजरात सरकार के संयुक्त प्रयास से सभी लाभार्थियों को व्यापक तरीके से सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला उपचार प्रदान करना और भविष्य में किसी भी प्रकार के कदाचार को रोकना है।