पंजाब के अमृतसर में हुए नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी सत्ता में रहते हुए भी अपना मेयर नहीं बना पाएगी। 24 सीटों के साथ AAP बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है। वहीं, कांग्रेस अपोजीशन में होते हुए भी अमृतसर में मेयर बनाने जा रहा है। अमृतसर के इतिहास मे
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अभी तक अनुमान यही लगाया जा रहा था AAP का मेयर आएगा। यह सोचकर कांग्रेस और भाजपा के कई बड़े नेताओं ने इस बार नामांकन ही नहीं भरा और नए चेहरों को मौका मिला। अमृतसर की 85 वार्डों में से 60 के करीब ऐसे चेहरे हैं, जो पहली बार निगम हाऊस में कदम रखेंगे।
इन चुनावों के परिणामों की बात करें तो कांग्रेस को 85 में से 40 सीटें मिली, जबकि उन्हें मेयर पद के लिए 43 सीटों की आवश्यकता है। लेकिन कांग्रेस से नाराज होकर आजाद चुनाव जीतने वाले पार्षदों को कांग्रेस अपने पक्ष में करके मेयर बना सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस साल 24 सीटें अपने नाम की और विपक्ष के रूप में कार्य करेगी। इसके अलावा भाजपा 9, अकाली दल 4 और आकाद 8 सीटें जीतने में सफल रहे हैं।
चुनावों से पहले सीएम भगवंत मान ने अमृतसर में निकाला था रोड शो।
जानें क्यों कांग्रेस दे पाई AAP को मात-
- अमृतसर में निगम चुनावों में आप की हार का सबसे बड़ा कारण चुनावों में देरी रहा है। दो साल से निगम चुनावों का समय खत्म हो गया था, जिसके चलते लोगों को अपने काम करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोग इसे सरकार की मिस मैनेजमेंट मान रहे हैं।
- दूसरा सबसे बड़ा कारण लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति है। अमृतसर में ही एक महीने में तकरीबन 4 धमाके हुए हैं और एक बम मिला। अमृतसर शहर के अंदर भी दो धमाके हो चुके हैं। ऐसे में लोगों का विश्वास आप से हट रहा है।
- तीसरा सबसे बड़ा कारण विधायकों के काम ना होना है। अमृतसर शहर में एक भी मंत्री नहीं है। जो विधायक हैं, वे भी सरकार से अपने काम नहीं निकलवा पा रहे। जिसके चलते लोग आप से दूर हो रहे हैं।
- टिकट बंटवारे में खींचतान चौथा सबसे बड़ा कारण रहा, जिसने कांग्रेस को फायदा पहुंचा। दरअसल, पूर्व मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू 2022 विधानसभा चुनावों से पहले AAP में चले गए थे और वे अपने साथ कई पार्षदों को भी ले गए। ऐसे में AAP के वर्करों और दूसरी पार्टियों से आए पूर्व पार्षदों के बीच चुनावों से पहले खींच तान हुई और नुकसान सत्ताधारी पार्टी को पहुंचा।
सीएम मान-प्रधान अमन अरोड़ा भी नहीं चला पाए जादू
चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने अमृतसर में आकर शहरवासियों को 5 गारंटियां दी थी। लेकिन लोगों ने उनके वादों को नकार दिया। वहीं, सीएम भगवंत मान अपने उम्मीदवारों के हक में अमृतसर पहुंचे और रोड शो भी निकाला। लेकिन, इनका जादू अमृतसर में नहीं चला।
आप पद के लिए खींचतान शुरू
अमृतसर में अब मेयर पद के लिए खींचतान शुरू हो गई है। इन सब में तीन नाम प्रमुख हैं। जिनमें पहला ओम प्रकाश सोनी के भतीजे विकास सोनी का है। वे तीन बार पार्षद चुनाव जीत चुके हैं। वहीं, दूसरा नाम राजकंवरप्रीत सिंह लक्की का है। लक्की चार बार के पार्षद हैं और निगम हाऊस में विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभा चुके हैं। तीसरा नाम पप्पल परिवार का है। लेकिन अरुण पप्पल इस बार खुद चुनाव नहीं लड़ पाए और अपनी पत्नी मंजू मेहरा पप्पल को मैदान में उतारा।