2012 में पटियाला स्थित आश्रम में दुष्कर्म के बाद युवती की हत्या के मामले में पटियाला पुलिस ने बाबा रणजीत सिंह ढडरियांवाला पर 7 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की थी। अब मृतका के भाई की तरफ से हाईकोर्ट में कहा गया कि उन्हें पंजाब पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है,
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चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल स्थानीय पुलिस मामले की जांच करेगी और मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट देगी। यदि मजिस्ट्रेट को लगा कि पुलिस जांच में खामियां छोड़ रही है या सही जांच नहीं हो रही तो हाईकोर्ट को रिपोर्ट दी जाए। हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के बाद मामले को दोबारा सुनवाई के लिए तय करे। इससे पहले हाईकोर्ट ने पंजाब डीजीपी से पूछा था कि क्या संज्ञान लेने योग्य अपराधों में अभी एफआईआर से पहले सच्चाई का पता लगाने का चलन जारी है।
क्या इसे रोका गया है। यदि नहीं तो जवाब दिया जाए। हाईकोर्ट ने पूछा कि सामान्य परिस्थितियों में पहले एफआईआर दर्ज कर जांच की जाती है, लेकिन मौजूदा मामले में ऐसा नहीं किया गया। मृतका के भाई ने मामले की जांच सीबीआई या वरिष्ठ आईपीएस की अगुवाई में एसआईटी से कराने की मांग की है। कहा गया कि उसकी बहन की 22 अप्रैल, 2012 को ढडरियांवाला के डेरे में दुष्कर्म के बाद जहरीला पदार्थ देकर हत्या कर दी गई। बहन धार्मिक प्रवृत्ति की थी और वह 2002 से बाबा की अनुयायी बन गई थी।
हत्या से पहले बहन को बाबा की वास्तविकता के बारे में पता चला कि वह डेरे में महिला भक्तों से यौन शोषण करता था। बाबा ने धमकी दी थी कि अगर ऐसा किया तो उसके परिवार को मरवा देंगे। उसने माता-पिता को पूरी कहानी बताई कि वह बाबा की पीड़ितों में से एक है, जिसके साथ रेप किया गया है। रेप से वह गर्भवती हुई, लेकिन बाबा ने बच्चा स्वीकार नहीं किया। मामला सुलझाने के लिए वह डेरे पर पहुंची तो उसने फोन कर बताया कि बाबा ने उसे जहर दिया है।