UP- Lucknow -Bhaskar Interview-KGMU turns 120 years, KGMU Dr Soniya Nityanand Exclusive Interview | KGMU…120 साल के इतिहास में पहली बार एलुमनाई फंडिंग: OPD में सालभर में आते हैं 19 लाख मरीज; कुलपति बोलीं-पूरे देश में हैं जॉर्जियन – Lucknow News

21 दिसंबर 1905 को जिस मेडिकल कॉलेज की नींव प्रिंस ऑफ वेल्स ने रखी थी, आज वो 120 साल बाद देश के सबसे बड़े राज्य का सबसे बड़ा चिकित्सा विश्वविद्यालय बन चुका है। देश दुनिया को मेडिकल साइंस के एक से बढ़ कर एक दिग्गज देने वाला ये मेडिकल संस्थान, सालाना सिर्फ

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मेडिकल की UG, PG और सुपर स्पेशलिटी की पढ़ाई में भी इसका कोई सानी नहीं है। 120 साल के इस सफरनामे पर, KGMU की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद से विशेष बातचीत की।

पेश है बातचीत के प्रमुख अंश..

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि पूरे देश में नहीं पूरी दुनिया में आपको जॉर्जियन मिलेंगे

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि पूरे देश में नहीं पूरी दुनिया में आपको जॉर्जियन मिलेंगे

सवाल: KGMU के 120 साल के सफर पर और इसकी लिगेसी पर क्या कहेंगी? जवाब: ये सही है कि KGMU की अपनी एक खास लिगेसी रही है। KGMU फेमस है अपने टीचिंग स्टैंडर्ड के लिए, यहां गरीब से गरीब मरीज को मेडिकल सुविधाएं मिलती हैं और अब रिसर्च की फील्ड में भी KGMU तेजी से आगे बढ़ रहा है।

यहां से पढ़कर निकलने वाले सभी मेडिकल स्टूडेंट बहुत प्राउड से खुद को जॉर्जियन कहते हैं। पूरे देश में नहीं पूरी दुनिया में आपको जॉर्जियन मिलेंगे। यहां तक कि नॉर्थ अमेरिका में, कनाडा में, यूके में, ऑस्ट्रेलिया में हर जगह इसके एसोसिएशन हैं। सभी आपस में संपर्क में भी रहते हैं। निश्चित तौर पर सभी KGMU को लेकर बेहद गौरवान्वित भी महसूस करते हैं।

सवाल: आप SGPGI की फैकल्टी रहीं, लोहिया संस्थान में निदेशक रहीं और अब KGMU की कुलपति हैं, तीनों संस्थान को कैसे देखती हैं? जवाब: तीनों संस्थान की अपनी-अपनी खूबियां है। मैं खुद यहीं की पढ़ी हूं। ये मेरा अल्मा मैटर रहा है। इसलिए मेरे दिल में इसकी खास जगह है। जहां तक MBBS की पढ़ाई की बात है KGMU पूरे देश का वन ऑफ द बेस्ट इंस्टीट्यूशन है। इसके अलावा कई स्पेशियलिटी में PG कोर्स हो रहे है।

कह सकते हैं की बहुत रोबस्ट सिस्टम है यहां का। कई सुपर स्पेशियलिटी के कोर्स चल रहे हैं। कुल मिलाकर यह एक कंप्रिहेंसिव संस्थान है, जहां बैचलर से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट और सुपर स्पेशियलिटी की पढ़ाई हो रही है जो इसको बेहद खास बनाती है।

मेरा मानना है कि KGMU की सबसे बड़ी स्ट्रैंथ ये है कि गरीब से गरीब मरीज का यहां इलाज होता है। मरीजों को यहां टॉप लेवल मेडिकल फैसिलिटी मिल जाती है। कुल मिलाकर ये कह सकते हैं कि यहां की 2 सबसे बड़ी स्ट्रैंथ यही है कि एक तो मेडिकल की टीचिंग यहां बेहतरीन होती है और दूसरी गरीब से गरीब मरीज को OPD में या इनडोर में बेस्ट मेडिकल एडवाइस या इलाज मिल जाता है।

सवाल: KGMU के लिए सबसे बड़ा चैलेंज क्या है? जवाब: स्थापना दिवस के अवसर पर मैंने इलाज से जुड़े स्टैटिक्स और डेटा को निकलवाया, तो ये सामने आया कि सालभर में OPD में कुल 19 लाख मरीजों को इलाज मिला। लगभग 10 हजार की रोजाना OPD होती है। कई बार ये संख्या 12 हजार तक पहुंच जाती है। डेढ़ सौ लोग रोजाना ट्रॉमा इमरजेंसी में इलाज पाते। इतने बड़े पैमाने पर आने वाले मरीजों की भीड़ को मैनेज करना एक चैलेंज हैं।

KGMU का ट्रॉमा सेंटर अहम हिस्सा है। न केवल मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण है। वहां लगभग हर मिनट पेशेंट आते। हर क्षण आने वाली मरीज और उनका इलाज मुहैया कराना अपने आप में एक चुनौती है।

सवाल: IIT कानपुर से आपका क्या कॉलेब्रेशन है और साथ मिलकर क्या करना लक्ष्य है? जवाब: IIT कानपुर की रूपरेखा KGMU से बिल्कुल अलग है। इसलिए दोनों में फर्क है। पर KGMU ने IIT कानपुर से MOU कर रखा है। दोनों संस्थान मिलकर मरीजों का हित में काम कर रहे हैं। क्लीनिकल गैप्स को इडेंटॉफी करके दोनों संस्थान मिलकर काम कर रहे, जिससे मरीज को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिलता है। पहला प्रोग्राम हम शुरू कर चुके हैं।

इसके अलावा दूसरी पहल, AI के फील्ड में साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। हेल्थ सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बहुत बड़ा रोल है। जिस बड़े पैमाने पर KGMU में मरीज को देखा जाता है उस लिहाज से इसकी अहमियत और बढ़ जाती है। हम इस फील्ड में जरूर काम करना चाहेंगे।

सवाल: एलुमनाई मीट और उससे जुड़ाव पर क्या कहेंगी? जवाब: 120 साल के सफर में पहली बार KGMU में एलुमनाई फंडिंग शुरू होगी, यह एक बहुत बड़ी पहल साबित होने जा रही है। देश दुनिया में KGMU के एलुमनाई हैं। निश्चित तौर पर जो फंडिंग मिलेगी उसके जरिए KGMU नई ऊंचाइयों को छुएगा।

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