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2 मिनट पहले
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चीन के डिंग लिरेन को हराकर शतरंज के सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैंपियन बने चेन्नई के डी. गुकेश (18) नई चुनौती के लिए तैयार हैं। उनका मैच 26 मई से 6 जून के बीच नॉर्वे में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी व 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन से होगा।
गुकेश के चैंपियन बनने के बाद कार्लसन ने कहा था कि वो वर्ल्ड चैंपियन में नहीं खेलते। वहां उन्हें हराने वाला कोई नहीं है। जब भास्कर ने गुकेश से पूछा तो उन्होंने कहा कि वे सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन, मौका मिला तो उनके सामने बिसात पर खुद को परख लूंगा।
लिरेन की वो कौन सी चाल थी, जिससे आपको जीत का यकीन हो गया? एक चाल कैसे गेम बिगाड़ सकती है, वो ऐसे समझें कि जब लिरेन ने Rf2 खेला तो मैं हैरान था, क्योंकि इसकी उम्मीद नहीं थी। फिर खुद को संभालने के लिए मैंने एक घूंट पानी पिया। सांस ली और खुद को शांत किया। फिर ध्यान से चेसबोर्ड देखा कि कहीं कोई गलती तो नहीं हो रही। इसके बाद मैच जीतने वाली चालों को दिमाग में सेट किया। थोड़ी देर में मुझे लगा कि अब खेल खत्म करने का समय आ गया है।
आपके लिए परिवार ने सबकुछ दांव पर लगाया। क्या वो संघर्ष याद है? मैं उन्हें कैसे भूल सकता हूं। वो ही दिन थे, जिन्होंने मुझे चेसबोर्ड से नजर नहीं हटाने दी। जब भी नजर हटाने की कोशिश करता, माता-पिता के संघर्ष के पल याद आ जाते। एक वक्त उम्मीदों के बहुत ज्यादा दबाव ने मेरे खेल पर भी असर डाला। वो 2023 की शुरुआत के दिन थे। इसलिए मैंने तय किया है कि बस सीखते रहना है, खुद में सुधार करना है। इसी लाइन पर आगे बढ़ा और घर के सपोर्ट से दबाव से बाहर आया। कभी-कभी उम्मीदों का दबाव आपका लक्ष्य बदल सकता है, इसलिए सही समय पर इससे बाहर आना ही ठीक है।
![गुकेश ने ट्रॉफी मिलते ही अपने पिता और मां को सौंप दी। मां ने उनकी ट्रॉफी को चूम लिया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/12/20/comp-251734105593_1734661502.gif)
गुकेश ने ट्रॉफी मिलते ही अपने पिता और मां को सौंप दी। मां ने उनकी ट्रॉफी को चूम लिया।
विश्व विजेता गुकेश का..आनंद 5 बार चैम्पियन बने। अब क्या रणनीति है? मेरी कोशिश खेल को और बेहतर बनाने की है। जिस मुकाम पर हूं, वो जीवन का एक चरण था। अगला टास्क खुद को उस स्तर पर बनाए रखने का है, जो अब तक कॅरियर में आई चुनौतियों से भी कठिन है।
आपने सालों सख्त ट्रेनिंग की? मुझे याद है कि 2015 में एशियन स्कूल शतरंज चैम्पियनशिप में अंडर-9 कैटेगरी में पहली बार जीता था। इसके बाद से ही मैंने ट्रेनिंग को और जटिल किया। माता-पिता ने हर पल इस बात का ध्यान रखा कि मेरा फोकस किसी भी वजह से डायवर्ट न हो। पांच साल पहले मैं, अर्जुन, प्राग और निहाल ग्रैंडमास्टर बनने वाले थे। हर कोई एक-दूसरे से आगे बढ़ने की कोशिश में था। लेकिन, हम सभी शीर्ष पर पहुंच गए।
![गुकेश ने कहा कि लिरेन से वह इंस्पायर हुए, लेकिन उनके ही ब्लंडर से वह चैंपियन बन सके।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/12/20/moments-171734104422_1734661570.jpg)
गुकेश ने कहा कि लिरेन से वह इंस्पायर हुए, लेकिन उनके ही ब्लंडर से वह चैंपियन बन सके।
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