इसी जगह 16 दिसंबर की शाम दुष्कर्म और हैवानियत की शिकार हुई थी10 वर्षीय बच्ची।
गुजरात में भरूच जिले के जघडिया जीआईडीसी में 16 दिसंबर की शाम दुष्कर्म और क्रूरता की शिकार हुई 10 वर्षीय बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है। बच्ची को मंगलवार को भरूच से वडोदरा के एसएसजी अस्पताल स्थानांतरित किया गया है। आंतरिक अंगों में गंभीर चोट आने से आज
.
रेप के बाद प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी थी
घटना स्थल पर खून के धब्बे।
भरूच शहर के इंडस्ट्रियल एरिया जीआईडीसी के पास हा झघडिया एक वीरान इलाका है, जहां कच्चे छोटे-छोटे मकानों में काफी संख्या में मजूदर वर्ग रहता है। यहां रहने वाले ज्यादातर मजदूर दूसरे राज्यों के हैं। आरोपी और पीड़ित परिवार भी झारखंड का रहने वाला है। पीड़ित परिवार करीब 7 महीने पहले ही झारखंड से यहां मजदूरी के लिए आया था। पड़ोस के ही एक कमरे में आरोपी विजय पासवान भी रहता था। आरोपी एक महीने पहले भी बच्ची से दुष्कर्म कर चुका था।
बच्ची ने यह बात अपने माता-पिता को बताई थी, लेकिन बदनामी के डर से माता-पिता ने चुप्पी साथे रखी और इसी का नतीजा था कि आरोपी ने दूसरी बार मौका पाते ही हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। आरोपी ने न सिर्फ बच्ची के मुंह पर वार किए, बल्कि दुष्कर्म के बाद उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड भी डाल दी थी। बच्ची को गंभीर आंतरिक चोटें आईं, जिससे अब उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
मैं मोबाइल टॉर्च लेकर दौड़ा और दीवार फांद गया…
दीवार पर खून के धब्बे, बच्ची कुछ देर इसी का सहारा लेकर खड़ी हुई थी।
भास्कर की टीम मौके पर पहुंची तो कुछ मजदूरों ने बताया कि टेकराम और गोविंदा ने लड़की को पहले देखा था। भास्कर ने टेकराम और गोविंदा को ढूंढकर पूछा। दोनों मजदूरों ने रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना बताई. भास्कर से बातचीत में बच्ची के कमरे के बगल वाले कमरे में रहने वाले टेकराम कुमार ने बताया कि शाम करीब साढ़े छह से साढ़े सात बजे के बीच यह घटना हुई होगी। मैं रात का खाना बना रहा थी तभी मैंने बच्चे के रोने की आवाज़ सुनी। मां…मां… की आवाज आई।
आवाज सुनते ही मैं समझ गया था बच्ची भारी मुश्किल में है। अंधेरा होने के चलते मैंने मोबाइल का टॉर्च चालू किया और उस दिशा में चला,जहां से आवाज आ रही थी। तभी लड़की की मां भी मेरे पीछे दौड़ती हुई आ गई। मैं, लड़की की मां और गोविंदा नागेश हम तीनों झाड़ियों में पहुंचे, जहां से बच्ची की आवाज आ रही थी।
बच्ची 5 फीट ऊंची दीवार के पीछे एक टायर पर बैठी हुई थी। वह खून से लथपथ हालत में थी। मैं और गोविंदा दीवार फांदकर बच्ची के पास पहुंचे और उसकी मां को सौंप दिया। बच्ची की हालत देखकर मां भी रोने लगी। हम तुरंत बच्ची को एक ऑटो से उसे वांगनिया के पास एक अस्पताल ले गए। यहां से बच्ची को दूसरे अस्पताल और फिर वडोदरा के एसएसजी हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया।
इस शेड में रहती थी मासूम।
वारदात के बाद इलाके में ही घूम रहा था आरोपी वारदात का खुलासा होने पर लड़की के माता-पिता ने विजय पासवान का नाम लिया। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो विजय पासवान इलाके में ही मौजूद था। पुलिस ने उसे पकड़ लिया और पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी लड़की के कमरे के ठीक पीछे एक कमरे में रह रहा था। वह भी मूल रूप से झारखंड का रहने वाले है और उसकी दो बेटियां भी हैं। पत्नी और बेटियां झारखंड में रहती हैं।
बच्ची की आवाज सुनकर सबसे पहले उस तक पहुंचने वाले टेकराम और गोविंदा।
बच्ची की हालत देखकर स्तब्ध हूं: डॉक्टर भरूच में बच्ची का इलाज करने वाली डॉ. झील सेठ ने कहा- बच्ची की हालत देखकर मैं स्तब्ध हूं। बेसुध अवस्था में उसके साथ हैवानियत की गई। उसके गंभीर जख्म देखकर ‘निर्भया केस’ की याद आ गई। मैंने सात साल के अपने करियर में ऐसा गंभीर केस नहीं देखा था। बच्ची की सेहत और इलाज का अपडेट थोड़े-थोड़े समय पर ले रही हूं।
आरोीप की दो बेटियां भी हैं। पत्नी और बेटियां झारखंड में रहती हैं।
बच्ची को गंभीर आंतरिक चोटें आईं पुलिस उपाधीक्षक कुशल ओझा ने बताया कि यौन उत्पीड़न के कारण बच्ची को गंभीर आंतरिक चोटें आईं और सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे वडोदरा के एसएसजी अस्पताल रेफर किया गया है। ओझा ने कहा-जिस दौरान आरोपी ने बच्ची को अगवा किया उस दौरान वह अपने घर के पास खेल रही थी। आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया।
बीते मंगलवार की शाम बच्ची को वडोदरा के एसएसजी अस्पताल रेफर किया गया था।