NSA Ajit Doval met Chinese Foreign Minister | चीनी विदेशमंत्री से मिले NSA अजित डोभाल: सीमा पर शांति और संबंधों की बहाली पर बातचीत; चीन बोला- मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार


बीजिंग1 घंटे पहले

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चीन के दौरे पर गए NSA अजित डोभाल ने बीजिंग में बुधवार को चीनी विदेशमंत्री वांग यी से मुलाकात की। दोनों के बीच बैठक के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने और चार साल से अधिक समय से ठप द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

दोनों के बीच बैठक भारतीय समय के मुताबिक सुबह 8 बजे शुरू हुई। बैठक के बाद चीन ने कहा कि वह भारत के साथ हुए समझौतों को लागू करने के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन ईमानदारी से मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार है।

डोभाल भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23वीं बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। डोभाल के साथ भारतीय प्रतिनिधि मंडल भी मौजूद था।भारत-चीन के बीच इस साल अक्टूबर में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सहमति बनी थी। इसके लिए दोनों देशों ने अजित डोभाल और वांग यी को स्पेशल प्रतिनिधि बनाया था।

2019 के बाद ये पहला मौका है जब भारत का कोई सीनियर अधिकारी चीन के दौरे पर है। इससे पहले 2019 में विदेशमंत्री जयशंकर ने बीजिंग का दौरा किया था।

तस्वीर 23 अक्टूबर 2024 को भारत और चीन के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत की है।

तस्वीर 23 अक्टूबर 2024 को भारत और चीन के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत की है।

भारत और चीन ने 2 साल में 38 बैठकें की

भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद 21 अक्टूबर को एक समझौता हुआ कि दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी। इसके बाद 25 अक्टूबर से दोनों देशों की सेनाओं ने विवादित पॉइंट्स से हटना शुरू कर दिया था।

भारत-चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को कहा था कि सैनिकों की वापसी पहला कदम है। अगला कदम तनाव कम करना है। तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच 2 साल में 38 बैठकें हुई थीं।

समझौते के मुताबिक दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौट गई हैं। सेनाएं अब उन्हीं क्षेत्रों में गश्त कर रही हैं, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग अब भी जारी है।

अब पढ़िए भारत-चीन सीमा विवाद की पूरी डिटेल…

गलवान घाटी-गोगरा हॉट स्प्रिंग्स पर पेट्रोलिंग पर अभी फैसला नहीं समझौते में लद्दाख के देपसांग के तहत आने वाले 4 पॉइंट्स को लेकर सहमति बनी, लेकिन डेमचोक के गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स में गश्त को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।

देपसांग: भारतीय सेना के मुताबिक, सैनिक अब गश्त के लिए देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11-A, 12 और 13 तक जा सकेंगे।

डेमचोक: पेट्रोलिंग पॉइंट-14 यानी गलवान घाटी, गोगरा हॉट स्प्रिंग्स यानी PP-15 और PP-17 बफर जोन हैं। बफर जोन यानी ऐसा इलाका जहां दोनों सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं आ सकतीं। ये जोन विपक्षी सेनाओं को अलग करते हैं।

गलवान में 15 जून 2020 को झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे

15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगहों पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।

भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं।

इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को भारत-चीन सीमा विवाद पर संसद को जानकारी दी। विदेश मंत्री ने सदन में कहा कि भारत और चीन बातचीत और कूटनीति के जरिए सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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