तेल अवीव4 मिनट पहले
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इजराइल ने रविवार को आयरलैंड में अपना दूतावास बंद करने की घोषणा की है। इजराइल के विदेश मंत्री गिडोन सार ने आरलैंड पर दोहरी मानसिकता और इजराइल विरोधी नीति का आरोप लगाया। इजराइल के ये फैसला आयरलैंड के फिलिस्तीन को अलग राज्य की मान्यता देने के बाद आया है।
इसके अलावा इजराइल के खिलाफ साउथ अफ्रीका की ओर से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में दायर नरसंहार के मामले का भी आयरलैंड ने समर्थन किया है। दक्षिण अफ्रीका ने गाजा जंग में फिलिस्तीनियों के नरसंहार का आरोप लगाते हुए इस साल जनवरी में इजराइल के खिलाफ ICJ में मुकदमा दर्ज किया था।
विदेश मंत्री सार ने आरोप लगाया कि आयरलैंड यहूदियों के विरोध में बढ़ते मामलों पर कार्रवाई करने में असफल रहा है। इन आरोपों के चलते इजराइल ने मई में ही अपने राजदूत को आयरलैंड से वापस बुला लिया था।
तस्वीर आयरलैंड की राजधानी डबलिन में मौजूद इजराइली दूतावास की है।
इजराइल के फैसले पर आयरलैंड ने खेद जताया
आयरलैंड के प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने इजराइल के फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे खेदजनक बताया। हैरिस ने इजराइल विरोधी आरोपों का भी खंडन किया है। हैरिस ने कहा कि आयरलैंड शांति, मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून का पक्षधर है।
हैरिस ने दो अलग राज्यों यानी इजराइल और फिलिस्तीन की स्थापना (टू स्टेट सॉल्यूशन) का समर्थन किया। दूसरी तरफ आयरलैंड के विदेश मंत्री माइकल मार्टिन ने कहा कि दोनों देशों में राजनयिक संबंध बनाए रखेंगे। आयरलैंड इजराइल में अपना दूतावास बंद नहीं करेगा।
इजराइल के विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री यायर लापिड ने सरकार के कदम की आलोचना की है। उन्होंने इजराइल विरोधी देशों में दूतावास बनाए रखने की सलाह दी।
हैरिस ने इसी साल अप्रैल में आयरलैंड के प्रधानमंत्री का पद संभाला है।
गोलान हाइट्स में नए लोगों के बसाएग इजराइल
इजराइल ने गोलान हाइट्स में जनसंख्या को दोगुना करने का फैसला किया है। इसके चलते यहां नए लोगों को बसाया जाएगा। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल को मजबूत करने के लिए गोलान को मजबूत करना है। हमें इसे अपने पास बनाए रखेंगे और नई बसावट करेंगे।
गोलान हाइट्स पर इजराइल ने 1967 में कब्जा किया था। इससे पहले ये सीरिया का हिस्सा था, जिसे 6 दिन चले युद्ध के बाद इजराइल ने जीत लिया था। सीरिया ने इजराइल से इस क्षेत्र से हटने की मांग की है, लेकिन इजराइल ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए इनकार कर दिया है।
गोलान हाइट्स पर इजराइली कब्जे को 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मान्यता दे दी थी। इससे पहले शनिवार को नेतन्याहू और ट्रम्प के बीच सीरिया को लेकर फोन पर बातचीत भी हुई।
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