CINTAA will celebrate 100th birth anniversary of Raj Kapoor | राज कपूर की 100वीं जयंती का जश्न मनाएगी CINTAA: एक्ट्रेस पूनम ढिल्लों बोलीं- राज कपूर के योगदान को हमेशा याद रखेंगे

20 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन

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इस साल राज कपूर की 100वीं जयंती पर उनकी याद में मुंबई में एक खास इवेंट का आयोजन किया जा रहा है। इस इवेंट में राज कपूर के पॉपुलर गानों की प्रस्तुति दी जाएगी। CINTAA (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन) जो कि फिल्म इंडस्ट्री के जरूरतमंद कलाकारों की मदद करती है, इस इवेंट के जरिए फंड जुटाएगी।

दैनिक भास्कर से बातचीत में, एक्ट्रेस और CINTAA की अध्यक्ष, पूनम ढिल्लों ने इस इवेंट के बारे में बात की। उन्होंने कहा, , ‘यह साल उनके लिए 100 साल का था, इसलिए हमने यही थीम चुनी – राज कपूर जी के गाने। उनकी संगीत अद्वितीय है, जैसे कोई अमर धरोहर। हम उन्हें याद करेंगे और उनके गानों का आनंद लेंगे। सुरेश वाडकर, शैलेंद्र सिंह और मुकेश जी के गाने सुनेंगे। नितिन मुकेश की आवाज में मुकेश जी के गीत होंगे। सुदेश भोसले भी होंगे, जो मन्ना डे और मोहम्मद रफी के गाने गाएंगे। कविता कृष्णमूर्ति और मधुश्री भी लता मंगेशकर के गीत गाएंगी। CINTAA का यह इवेंट एक श्रद्धांजलि है, जहां हम राज कपूर जी के योगदान को हमेशा याद रखेंगे।’

उन्होंने आगे कहा, ‘राज कपूर सिर्फ एक फिल्म निर्माता नहीं थे, वे सिनेमा की असली धरोहर थे। उनकी फिल्मों में एक जादू था – प्यार, हंसी, और रोमांस सबकुछ था। उनकी कला और काम के प्रति समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा।’

बातचीत के दौरान, उन्होंने राज कपूर की मशहूर होली पार्टियों से जुड़ी कुछ यादें भी साझा कीं। ‘उनकी होली पार्टियां हमेशा खास होती थीं। आर के स्टूडियो में सब लोग मिलकर जश्न मनाते थे। वहां मस्ती और गर्मजोशी का माहौल होता था। उनके कॉटेज में सभी का स्वागत होता था। उनके होली पार्टी बहुत मशहूर थी। हर कोई वहां आता था और जैसे ही आप अंदर जाते, आपको टैंक में फेंक दिया जाता था – किसी को फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने भी तैयार होकर आए थे, बाहर निकलने पर आप भीग चुके होते थे। यह पार्टी बहुत मस्ती भरी, हंसी-मजाक और संगीत से भरी होती थी।’

आखिरी में, एक्ट्रेस ने राज कपूर के स्ट्रिक्ट स्वभाव के बारे में बताया। ‘देखिए, उनके सामने थोड़ा संकोच भी होता था। लोग राज जी से थोड़ा डरते थे। लेकिन उनके स्वभाव में भी एक प्यारा और मिलनसार पहलू था। उनकी संगीत की समझ और प्यार कोई और नहीं कर सकता था। उनका काम और उनकी समझ यूनिक थी।’

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