नई दिल्ली2 मिनट पहले
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मारुति सुजुकी और हुंडई के बाद टाटा मोटर्स, किआ इंडिया और JSW MG मोटर इंडिया ने भी अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ाने का ऐलान किया है। नई कीमतें जनवरी 2025 से लागू हो जाएंगी।
कीमतें बढ़ाने के पीछे सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने लगभग एक जैसा ही कारण दिया है। कंपनियां इनपुट कॉस्ट और लॉजिस्टिक्स में बढ़ोतरी के चलते ऐसा फैसला ले रही हैं।
इससे पहले अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियां मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मर्सिडीज बेंज, BMW और ऑडी जैसी कंपनियों ने भी जनवरी-2025 से अपनी गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान कर चुकी हैं।
टाटा की गाड़ियां 3% महंगी होंगी टाटा मोटर्स, अगले महीने से अपने पैसेंजर व्हीकल्स की कीमतों में 3% तक की बढ़ोतरी करेगी। इसमें पेट्रोल, डीजल और इलेक्ट्रिक मॉडल शामिल हैं। कंपनी ने बयान में कहा कि, कच्चे माल की लागत और महंगाई में बढ़ोतरी के प्रभाव को आंशिक रूप से कम करने के लिए वह गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रही है। नई कीमतें जनवरी 2025 से प्रभावी होंगी और यह बढ़ोतरी मॉडल और उनके वर्जन के आधार पर अलग-अलग होगी।
टाटा मोटर्स के मौजूदा मॉडल लाइनअप में हैचबैक सेगमेंट में- टियागो और अल्ट्रोज, कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में टिगोर, माइक्रो एसयूवी सेगमेंट में पंच, कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में टाटा नेक्सन, प्रीमियम SUV सेगमेंट में हैरियर और सफारी शामिल हैं। इसके अलावा, ब्रांड के पास टाटा कर्व, SUV कूप है, जिसे हाल ही में देश में लॉन्च किया गया है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल कैटेगरी श्रेणी में कंपनी के पास कर्व ईवी, पंच ईवी, नेक्सॉन ईवी, टियागो ईवी और टिगोर ईवी हैं। कंपनी फिलहाल सिएरा ईवी को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा भी गाड़ियों की कीमत 3% बढ़ाएगी कंपनी अपने पोर्टफोलियो में शामिल स्पोस्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) और कॉमर्शियल व्हीकल (CV) की पूरी रेंज की कीमतों में 3% तक की बढ़ोतरी करेगी। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने शुक्रवार (6 दिसंबर) को एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि, गाड़ियों पर बढ़ी हुई दरें जनवरी 2025 की शुरुआत से ही लागू हो जाएंगी। कंपनी ने यह फैसला इनफ्लेशन के चलते बढ़ती लागत और कमोडिटी की कीमतों में उछाल के कारण लिया है।
हर साल कीमतों बढ़ोतरी के 2 कारण
- कार मैन्यूफैक्चरर्स जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी लागू करने की मुख्य वजह महंगे कलपुर्जे, इनपुट कॉस्ट और कंपनी के संचालन में खर्च में वृद्धि बताती हैं। हालांकि, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऑटो कंपनियां दिसंबर में कीमत बढ़ाने की घोषणा इसलिए भी करती हैं, ताकि लोग नए साल से पहले ही गाड़ी खरीद लें। वरना नए साल में बढ़ी हुई कीमतों के डर से ग्राहक गाड़ी खरीदना टाल देते हैं।
- इसके अलावा कंपनियों को पिछले साल की मैन्युफैक्चिरिंग स्टॉक भी खाली करना होता है। ग्राहक यदि साल के आखिर के महीनों में गाड़ी नहीं खरीदेंगे तो नए साल में व्हीकल की मैन्यूफैक्चिरिंग एक साल पुरानी दिखती है। इसलिए कंपनियां कारों पर ज्यादा ऑफर भी देती हैं। ये चलन ज्यादातर साल के अंत में और वित्तीय वर्ष के अंत में देखा जाता है।