Ashutosh Rana came out from the audience, Dashanan Dashanan echoed | दर्शकों के बीच से निकले आशुतोष राणा, गूंजा दशानन दशानन: रावण ने भगवान भोले को सुनाया शिव तांडव स्त्रोत, वरदान में मिले 10 सिर, 20 भुजाएं – Jaipur News

रविवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में नाटक हमारे राम की प्रस्तुति हुई।

रविवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में नाटक हमारे राम की प्रस्तुति हुई। बॉलीवुड कलाकारों से सजे इस नाटक में आशुतोष राणा रावण के किरदार में नजर आए। दर्शकों के बीच गुजरते हुए रावण दशानन-दशानन… धरा से गगन तक दशानन-दशानन के गीत के साथ स्टेज तक पहुंचते

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कलाकारों ने दर्शकों के बीच से स्टेज पर एंट्री ली।

कलाकारों ने दर्शकों के बीच से स्टेज पर एंट्री ली।

प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा ने नाटक में रावण का किरदार बेहद प्रभावशाली ढंग से निभाया। उनके संवाद की शैली, उनकी भाव-भंगिमाएं और मंच पर उनकी एंट्री इतनी जबरदस्त थी कि दर्शक उनके साथ रावण के द्वंद्व, संघर्ष और अंतर्द्वंद को महसूस कर रहे थे। तीन घंटे के इस नाटक में आशुतोष राणा ने रावण के चरित्र की गहराईयों को काफी अच्छे से पेश किया।

राम सीता के विवाह को भी बड़े सुंदर तरीके से दिखाया गया।

राम सीता के विवाह को भी बड़े सुंदर तरीके से दिखाया गया।

नाटक में एक ओर वह अत्यंत ज्ञानी, विद्वान और तपस्वी के रूप में दिखे। वहीं दूसरी ओर एक अहंकारी, क्रोधी और शक्ति के प्रतीक के तौर पर भी नजर आए। एक ओर वह श्रीराम को ललकार रहे थे, लेकिन दूसरी ओर अंदर ही अंदर इसी के जरिए वह अपने ज्ञान और पांडित्य के अहंकार से भी मुक्त होना चाह रहे थे।

नाटक में बताया गया कि कैसे रावण ने भगवान भोले को शिव तांडव स्त्रोत सुनाया और किस तरह नारियल की जगह अपना शीश चढ़ाया।

नाटक में बताया गया कि कैसे रावण ने भगवान भोले को शिव तांडव स्त्रोत सुनाया और किस तरह नारियल की जगह अपना शीश चढ़ाया।

महादेव ने दिया 10 सिर 20 भुजाओं का वरदान

नाटक में बताया गया कि कैसे रावण ने भगवान भोले को शिव तांडव स्त्रोत सुनाया और किस तरह नारियल की जगह अपना शीश चढ़ाया। इससे प्रसन्न होकर महादेव ने रावण को 10 सिर 20 भुजाओं का वरदान भी दिया। नाटक का सेट, लाइटिंग और म्यूजिक ने कहानी को और अधिक जीवंत बना दिया। राम की भूमिका में डॉ. राहुल भुच्चर के हाव-भाव और डायलॉग डिलीवरी भी काफी प्रभावशाली रहे। राहुल ने डॉ. नरेश कात्यायन के साथ नाटक के संवाद भी लिखे हैं।

रावण के किरदार के रूप में आशुतोष राणा ने खासी तालियां बटोरी।

रावण के किरदार के रूप में आशुतोष राणा ने खासी तालियां बटोरी।

सीताहरण के बाद भगवान श्रीराम ने गिद्धराज जटायु का अपने पिता समान दाह संस्कार किया। इस दृश्य ने न केवल पौराणिकता को जीवंत किया बल्कि मानवीय संबंधों के महत्व को भी उकेरा। भगवान राम का जटायु को पिता तुल्य कहकर संबोधित करना इस बात का प्रतीक था कि धर्म केवल देवताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि उसमें सभी प्राणियों के प्रति समानता और सम्मान की भावना होनी चाहिए।

नाटक के लेखक राहुल और नरेश कात्यायन हैं।

नाटक के लेखक राहुल और नरेश कात्यायन हैं।

‘हमारे राम’ में राम के किरदार में राहुल भुच्चर नजर आए। वे नाटक के प्रोड्यूसर भी हैं। नाटक के लेखक राहुल और नरेश कात्यायन हैं। हनुमान की भूमिका में दानिश अख्तर, शिव के पात्र में तरुण खन्ना, माता सीता की भूमिका में हरलीन कौर रेखी, सूर्य की भूमिका में करण शर्मा ने निभाई।

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