बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध में धरना।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म और इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्ण कारावास के विरोध में राष्ट्रीय भारतीय समाज के लोगों ने गुरुवार को बिहार शरीफ हॉस्पीटल चौक पर आक्रोश पूर्ण महा विशाल धरना दिया।
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जिला संयोजक सतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस एक दिवसीय धरना में किसान संघ बिहार के अध्यक्ष जगलाल चौधरी, संत राजीव लोचन जी व सरदार हीरा सिंह भी शामिल हुए।
इस अवसर पर जिला संयोजक सतीश कुमार ने कहा कि पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद नयी सरकार के गठन के दिन से ही लगातार हिंदू, सिख, जैन एवं बौद्ध समाज पर नित्य नए अत्याचार ढाया जा रहा है व लगातार हिंसा का दौर जारी है।
वक्ताओं ने कहा बंगला देश में इस्लामी कट्टरपंथी के द्वारा हो रहा हिंदू, बौद्ध और सिख पर हमला।
भारत से दोस्ती भंग करने के लिए पाकिस्तान की कठपुतली बांग्लादेशी युनूस सरकार ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दू गुरु चिन्मय कृष्ण दास अन्यायपूर्ण तरीके से जेल में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तत्काल बंद हो तथा इस्कॉन के संन्यासी कृष्ण दास को कारावास से मुक्त किया जाए।
धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अन्य सभी अल्पसंख्यक पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हमले, हत्या, लूट, आगजनी व महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक है। हमलोग इसकी कठोर निंदा व तीखी भर्त्सना करते हैं। साथ ही सरकार से बांग्लादेश में हिन्दू, सिक्ख, जैन व बौद्ध समेत तमाम अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने की मांग करते हैं, ताकि विश्व में शांति एवं भाईचारा बना रहे।
धरना को भारतीय राष्ट्रीय समाज के राम बहादुर सिंह, देवेंद्र सिंह, गिरिधर गोपाल मुरारी सिन्हा, सुधीर पटेल, शैलेन्द्र कुमार, डॉ आशुतोष कुमार, सन्नी कुमार पटेल, सुनील कुमार, तेजस्विता राधा, सुजाता कुमारी, कुमकुम कुमारी, स्वामी हिरिमानन्द, तिब्बती मंदिर के श्याम सिंह, परशुराम कुमार एवं शिवरतन साव आदि नेताओं ने भी संबोधित किया।
धरना समाप्ति के पूर्व एक प्रतिनिधिमंडल ने डीएम शशांक शुभंकर के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन देकर बांगलादेश में हो रहे हिंदुओं के खिलाफ हिंसा व बर्बरता पूर्ण कार्रवाई पर रोक लगाने तथा इस्कॉन के सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्ण कारावास से मुक्त कराने के लिए केंद्र सरकार को निर्देशित करने की मांग की है।