उत्तरलाई रोड पर तैयार रेलवे का नया जीएसएस।
रेलवे का जीएसएस जसदेर धाम के पास बनकर तैयार हाे गया है। रेलवे की ओर से अब बाड़मेर में इलेक्ट्रिक रेल सेवाएं शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए सिणधरी राेड स्थित राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम (आरवीपीएनएल) 132 केवी जीएसएस से रेलवे के जीएसएस तक बिजल
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आरवीपीएनएल के अधिकारियाें का कहना है कि हाई टेंशन लाइनाें के नीचे 7 फीट तक करंट रहेगा। कुछ लाेगाें का अवैध निर्माण कार्य इन लाइनाें से महज 3 फीट नीचे की दूरी पर कर दिया गया है। प्रसारण निगम की ओर से पहले से ही शिव, जैसलमेर के लिए शिव फीडर की सप्लाई इसी रास्ते की हाई टेंशन लाइनाें से की जा रही है। इन्हीं टावराें पर निगम की ओर से 1997 से दाे हाई टेंशन लाइनें डाली गई थी। इनमें से शिव जीएसएस के लिए सप्लाई चालू है।
रेलवे जीएसएस के लिए सप्लाई शुरू हाेनी शेष है। इसके लिए अब बलदेव नगर क्षेत्र में बने मकान आड़े आ रहे हैं। विभाग लाेगाें से समझाइश करने में लगा है। हालांकि विभाग की ओर से पिछले 4-5 साल से रास्ते में बने मकानाें के मालिकाें काे सालाना दाे बार नाेटिस जारी किए गए, लेकिन निर्माण कार्य नहीं राेका गया। लाेगाें की ओर से ताराें से महज 3 फीट निचाई तक निर्माण करवा दिया गया है। अब एडीएम, एसडीएम, पुलिस प्रशासन सहित आरवीपीएनएल के अधिकारी भी माैका मुआयना कर रहे हैं।
1997 में डाली डबल लाइन, एक काे नहीं किया शुरू तब तक बन गए मकान
आर ीप ीप ने 1997 में हाई टेंशन डबल लाइन ताे बिछा दी, लेकिन इसमें शिव जीए सएस तक सप्लाई शुुरू की गई। दूसरी लाइन काे रेलवे के जीए सएस निर्माण नहीं हाेने से शुरू नहीं किया गया। रेलवे के जीए सएस बनने के साथ 5 किमी लाइन पर 3 नए टावर खड़े किए गए है। लाइनों में करंट शुरू हाेने के दाैरान नज ीक बने दाे मकानाें में हादसे की संभ वना अधिक बनी हुई है। इन लाइनाें से एक लाख 32 हजार वॉल्ट करंट दाैड़ेगा। लाइनाें से 7 फीट दूरी तक करंट दाैड़ता है।
3-4 साल में 6 से 7 बार नोटिस जारी किए, दो बार पेट्रोलिंग भी की, पर लोग माने नहीं
“लाेगाें ने बलदेव नगर में लाइनाें के रास्ते पर अतिक्रमण कर रखा है। पिछले 3-4 साल में 6 से 7 बार नाेटिस जारी किए गए। साल में दाे बार पेट्रोलिंग की गई लेकिन लाेग नहीं माने। एक टावर पर दाे पैरेलल लाइनें खींची गई है। एक लाइन शिव जैसलमेर फीडर तक जा रही है। एक लाइन नए रेलवे जीएसएस तक जाएगी। इलेक्ट्रिक ट्रेन इसी से चार्ज हाेगी। ऐसे में अब रेलवे का पूरा सिस्टम फेल हाे रहा है।”
– एमएस आदिल, एसई, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम