Two day festival of Kala Bhairava Prakatotsav | काल भैरव प्रकटोत्सव का दो दिवसीय महोत्सव: पहले दिन काल भैरव का हुआ अभिषेक, दूसरे दिन प्रसादी वितरण किया गया – Sehore News


मंदिर में कालभैरव की पूजा और हवन किया गया।

सीहोर शहर के विश्रामघाट स्थित मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में शनिवार रात भगवान काल भैरव का प्राकट्योत्सव मनाया गया। आयोजन के पहले दिन मंदिर में काल भैरव का अभिषेक किया गया और चौला चढ़ाया गया।

.

दूसरे दिन प्रसादी का वितरण किया गया। हर साल मंदिर में चारों नवरात्रि पर देवी की आराधना की जाती है। इस मंदिर में भैरव के साथ-साथ चौसट योगिनी माताओं की भी पूजा की जाती है।

कुत्ते को रोटी खिलाने से काल भैरव प्रसन्न होते हैं- मनोज दीक्षित मंच के संरक्षक मनोज दीक्षित (मामा) ने बताया कि शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव के क्रूर रूप को काल भैरव कहा जाता है। काल भैरव ने भगवान ब्रह्मा के पांचवे सिर को काटा था। इसके बाद शिवजी के 52 टुकड़े हुए और 52 भैरव बने। इन भैरवों ने भगवती काली का क्रोध शांत किया। उन्होंने ये भी बताया कि काल भैरव की सवारी काले रंग का कुत्ता माना जाता है और उसे रोटी खिलाने से काल भैरव प्रसन्न होते हैं।

ये रहे मौजूद- इस दौरान मंदिर के व्यवस्थापक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, जिला संस्कार मंच के संयोजक जितेन्द्र तिवारी, मनोज दीक्षित, अखिल भारतीय चंद्रवंशी खाती समाज के रामपाल वर्मा, धर्मेन्द्र माहेश्वरी, राहुल माहेश्वरी सहित अन्य लोग शामिल हुए।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *