शिमला के रिज पर सुहावने मौसम का आनंद उठाते हुए पर्यटक
हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों में कल मौसम बदल सकता है। इसके चलते चंबा, लाहौल स्पीति, कांगड़ा और कुल्लू जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी का अनुमान है। प्रदेश के अन्य इलाकों में मौसम साफ रहेगा।
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इस बीच, मौसम विभाग ने अगले तीन दिन मंडी और बिलासपुर जिलों में घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। जब तक बारिश नहीं होती, कोहरा लोगों को परेशान करता रहेगा। प्रदेश के लोग 52 दिनों से बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं।
लेकिन अभी सूखे का दौर टूटने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 दिनों तक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ (WD) की संभावना नहीं है। इसके चलते लोगों को अभी सूखे से राहत मिलने के आसार नहीं है।
रिज पर घुड़सवारी का आनंद उठाते हुए बच्चा
पोस्ट-मानसून सीजन में 98% कम बादल बरसे
प्रदेश में बरसात बीतने के बाद यानी पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मानसून सीजन में भी इस बार सामान्य से 19 प्रतिशत कम बादल बरसे है। इससे सूखे जैसे हालात पैदा हो गए है। इसकी सबसे ज्यादा मार गेंहू उत्पादक किसानों पर पड़ी है।
नदी-नालों में पानी का स्तर कम होने लगा है। इससे गेंहू की बुवाई, बिजली उत्पादन और पेयजल योजनाओं में पानी कम होने लगा है। नदियों में पानी का स्तर घटने के कारण विद्युत उत्पादन गिर गया है।
गेंहू की बुवाई नहीं कर पाए किसान
कृषि विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस बार मुश्किल से 37 प्रतिशत जमीन पर गेंहू की बुवाई हो गई है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उचित समय 1 नवंबर और मैदानी इलाकों में 15 नवंबर को बीत गया है। जाहिर है कि इससे गेंहू के उत्पादन में कमी आएगी।
लंबे ड्राइ स्पेल के कारण पेयजल स्त्रोत भी सूखने लगे है। इनमें पानी का स्तर कम होने लगा है। जल शक्ति विभाग ने फील्ड से सूखे के असर को लेकर रिपोर्ट तलब कर दी है।