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- Margashirsha Month Till 14th December, Significance Of Agahan Month In Hindi, Lord Krishna Puja Vidhi, Inspirational Thoughts In Hindi
1 घंटे पहले
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हिन्दी पंचांग का नवां महीना अगहन यानी मार्गशीर्ष श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए बहुत खास माना जाता है, क्योंकि इस महीने को श्रीकृष्ण ने अपना ही एक स्वरूप बताया है। मार्गशीर्ष मास में भगवान श्रीकृष्ण के पौराणिक मंदिरों और तीर्थों में दर्शन-पूजन करने की परंपरा है, इन दिनों में पूजा-पाठ के साथ ही श्रीकृष्ण के ग्रंथ और उनकी कथाएं भी पढ़ी-सुनी जाती हैं।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में अर्जुन से कहा है कि मासानां मार्गशीर्षोऽहम् यानी मार्गशीर्ष मास मेरा ही स्वरूप है। हिन्दी पंचांग में महीने की अंतिम तिथि पूर्णिमा पर जो नक्षत्र रहता है, उस नक्षत्र के नाम पर ही महीने का नाम रखा जाता है। इस महीने की पूर्णिमा पर मृगशिरा नक्षत्र रहता है, इसकारण हिन्दी पंचांग के नवें महीने का नाम मार्गशीर्ष पड़ा है।
पौराणिक कथा के मुताबिक, गोकुल की गोपियां श्रीकृष्ण को प्राप्त करने के लिए भक्ति करती थीं, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें कहा था कि जो भक्त मार्गशीर्ष माह में यमुना स्नान करता है, वह मुझे प्राप्त कर सकता है। इस कथा की वजह से मार्गशीर्ष मास में यमुना नदी में स्नान करने की परंपरा है।
सरल स्टेप्स में ऐसे कर सकते हैं बाल गोपाल की पूजा
- श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानी बाल गोपाल की पूजा की शुरुआत गणेश पूजन के साथ करनी चाहिए, क्योंकि गणेश जी प्रथम पूज्य हैं और हर शुभ काम इनका ध्यान करने के साथ ही शुरू होता है।
- गणेश पूजन के बाद बाल गोपाल को दक्षिणावर्ती शंख में जल-दूध भरकर स्नान कराएं। आप चाहें तो पंचामृत से भी अभिषेक कर सकते हैं।
- स्नान कराने के बाद हार-फूल और वस्त्रों से भगवान का श्रृंगार करें। इत्र, गुलाल, अबीर, चंदन आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। तुलसी के साथ माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
- कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करें। पूजा के अंत में भगवान से जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगे। इसके बाद प्रसाद बांटें और खुद भी लें।
- अगहन मास में श्रीकृष्ण की जन्म स्थली मथुरा की यात्रा करने की परंपरा भी है। मथुरा के साथ ही गोकुल, वृंदावन, गोवर्धन पर्वत के भी दर्शन कर सकते हैं, यमुना में स्नान कर सकते हैं।