दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में रागिनी सिंह बोली- कुछ लोगों के चेहरे से अब हटा है पर्दा
कोयला, कोयला मजदूर और श्रमिक यूनियन की राजनीति ही झरिया विधानसभा सीट की पहचान है। इन पर जिनका दबदबा होता है, वही यहां का विधायक बनता है। धनबाद के छह विधानसभा क्षेत्रों में झरिया को हॉट सीट माना जाता है।
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झरिया पर पिछले चार दशक तक सिंह मेंशन परिवार का दबदबा रहा। पहले सूर्यदेव सिंह, उनके भाई बच्चा सिंह, फिर सूर्यदेव सिंह की पत्नी कुंती देवी और उनकी बेटे संजीव सिंह इस सीट से विधायक रहे। पिछले दो चुनावों में मुख्य मुकाबला भी इसी परिवार के दो धड़ों का रहा।
2014 में सिंह मेंशन के संजीव सिंह अपने चचेरे भाई नीरज सिंह को हराकर विधायक बने। 2019 में नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह विधायक बनीं। उन्होंने संजीव की पत्नी रागिनी सिंह को हराया था। 2024 के चुनाव में भी भाजपा ने रागिनी को फिर टिकट दिया है।
पूर्णिमा अभी कांग्रेस की विधायक हैं। इस बार भी उन्हें कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। यानी एक बार फिर जेठानी और देवरानी के बीच मुकाबला रोचक होगा। भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह ने बेबाकी से सभी सवालों का जवाब दिया।
सवाल: पिछली बार की तरह इस बार भी देवरानी-जेठानी आमने-सामने हैं। इस बार आपकी क्या रणनीति है? जवाबः सबसे पहले तो सबसे अपील है कि हमें रिश्तों में ना बांधे। मेरा कोई रिश्ता नाता नहीं है। जो भी सामने है उसे हम विपक्ष ही मानते हैं। यहां भारतीय जनता पार्टी के सामने कोई टिकने वाला नहीं है। भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी पार्टी है जिसमें सभी लोग आस्था जाता रहे हैं। बात झरिया विधानसभा की है तो लोकसभा चुनाव में ही झरिया की जनता जवाब दे चुकी है।
सवाल: आपके पति जेल में है। बाहर होते तो क्या आप राजनीति में आती? उनकी कमी की भरपाई कैसे कर रहीं? जवाबः देखिए, ये सच्चाई है कि हम मजबूरी में बाहर आये है, क्योंकि हमारी इच्छा नहीं थी और न ही उनका कोई शौक था। कुछ परिस्थितियां हो जाती ऐसी जिससे सबको बाहर आना पड़ता है। मां कुंती देवी बहुत हैं। जैसे जब घर में कोई नहीं था उन्होंने बाहर निकलकर परिवार को संभाला था। कुछ लोगों की मानसिकता होती है कि लोगों को उलझा दे या फंसा दे। लेकिन वो हमें कमजोर ना समझे। घर में रहने का मतलब ये नहीं कि महिला राज्य नहीं संभाल सकती।
सवाल: आप जीतकर झरिया के लिए पहला काम क्या करेंगी? जवाबः जीतकर मेरी पहली प्राथमिकता झरिया की जनता को सुरक्षित रखना है, क्योंकि जनता असुरक्षित हो चुकी है। जो लोग पिछले 30-40 सालों से बेफिक्र होकर घूम रहे थे वे सब परेशान हैं। चाहे हमारे व्यापारी भाई हो या डॉक्टर। हमारी शक्ति महिलाएं हैं। 5 सालों में विकास के नाम पर क्या हुआ है? विकास के नाम पर अगर कुछ हुआ है तो हत्याएं हुई है। विकास के नाम पर रंगदारी मांगी गई है। आप जाकर देखिए की पानी बिजली रोड की क्या समस्या है।
सवाल: परिवार में कुछ लोग जो पहले आपके साथ थे, आज विरोध में है। क्या कारण है? जवाबः पहले भी कुछ लोग अलग थे। हमको नहीं लगता है कि आज अलग हुए हैं। आज फर्क इतना है कि की पहले पर्दे के पीछे थे और आज पर्दा हटाकर हैं। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारे मोदी जी के लिए पूरा देश परिवार है। मेरे लिए मेरा झरिया परिवार है। मेरी जनता ही मेरा परिवार है।
सवाल: अगर आप पिछली बार जीती होती तो क्या नहीं करती, जो पूर्णिमा नीरज सिंह ने किया है? जवाब: कुछ किया ही नहीं। आप ऐसा सवाल पूछ रहे हैं कि उसने कुछ किया है। आज झरिया की जनता आपको बताएंगी। ना रोड है, ना बिजली। ना पानी है। जनता असुरक्षित है। लगातार हमारे यहां लोग आकर बता रहे हैं। ऐसी कई माता और बहनें हैं जो इंसाफ मांग रही हैं। रो रही है। निरंजन तांती की हत्या हुई है। प्रवीण यादव की हत्या हुई है। बुधन मंडल की हत्या हुई है। धनंजय यादव की हत्या हुई है। ऐसे अनेको हत्याएं हुई है। आज अपराधी खुलेआम घूम रहा है। प्रशासन निकम्मा है। 5 साल में कोयला चोरी और लोहा चोरी खूब हुई है।
सवालः आपको लगता है कि आपके पति को सरकार ने फंसाया है? अगर आपकी सरकार आई तो राहत मिल सकती है? जवाब: देखिए, हमारी सरकार क्यों फंसाएगी। सरकार ने नहीं फंसाया। कुछ लोग उनकी लोकप्रियता से घबरा गए थे। 2014 के चुनाव में ऐसा लोगों का स्नेह और प्यार मिला कि लोगों के अंदर बेचैनी आ गई। लोगों ने षड्यंत्र रचकर उन्हें फंसाया है। ऐसा नहीं है कि वो आज अंदर हैं तो अकेले हैं। उनके पीछे अभी हम लोग हैं। उनकी मां है। पत्नी है। बेटी है। उनके भाई है। झरिया की जनता सब देख रही है। जनता जान रही है कि गरीब मसीह का बेटा है और गरीब के लिए आवाज उठाते रहे, उठाते रहेंगे। पिछले 5 साल से गरीबों की आवाज हम ही उठाते रहे हैं। वह भी गरीबों की आवाज़ उठाएं तो आज फंसे हैं। सब झरिया की जनता जान रही है।
सवाल : झरिया विधानसभा का सबसे बड़ा मुद्दा प्रदूषण है। इससे कैसे निपटेंगी? जवाब : झरिया में बिल्कुल प्रदूषण है। जब हमारी सरकार रहती है तो हम लोग बीसीसीएल से लगातार लड़ाई लड़ते हैं। आज ऐसा नहीं है। ठेकेदारों और व्यापारियों के साथ मिल कर कोयला खनन का काम होता है। सिस्टम से काम हो नहीं रहा है। यहां की जनता का विकास तो हुआ नहीं पर यहां के नेताओं का विकास हो गया है। यहां के नेताओं ने कहा था हम कोयले की आउटसोर्सिंग बंद करेंगे लेकिन जिन्होंने कहा था उन्हीं का तीन-तीन आउटसोर्सिंग खुल गया। अब तो प्रदूषण तो बढ़ेगा ही।
प्रदूषण को कम करने के लिए कम से कम पानी छिड़काव होना चाहिए। जबकि हो नहीं रहा है। जिस तरह से ब्लास्टिंग हो रहा है वह तो मनमानी हो रहा है। बीसीसीएल की मनमानी चल रही है। ऐसा हो रहा है सत्ताधारी के श्रेय से। उनके पॉकेट भरे जा रहे हैं।
आप देखे हैं कि किस तरह से सत्ताधारी लोगों के घरों से, सत्ताधरी नेताओं के मंत्री-विधायक के घर से करोड़ों करोड़ों रुपए निकला। जनता देख रही है। किसकी सरकार में किस तरह की सुविधा मिली है या नहीं मिली है । झरिया तो उदाहरण है ही पूरे झारखंड की जनता मूड बन चुकी है कि ऐसे भ्रष्ट, महिला विरोधी और युवा विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकना है।
सवाल : झरिया की दूसरी बड़ी समस्या विस्थापन है। इसे लेकर आपकी क्या रणनीति है? जवाब : हमारे समय में क्षेत्र से केवल 22 सौ घर विस्थापन हुआ था। वहीं इन 5 सालो में 15000 लोग विस्थापन हो चुके हैं। 15 से 20 हजार घरों का लिस्ट बन चुका है क्योंकि उसका कोई लड़ने वाला नहीं है। यहां तो लोग पैकेट में पैसा डाल रहा है और घर में सो जा रहे हैं। फिर पांच साल बाद चुनाव आया तो जनता को याद कर रहे हैं। ऐसे में विस्थापन तो होगा ही।
विस्थापन दूर करना हमारी प्राथमिकता है। झरिया की जनता को झरिया में ही बसाया जाए। खूबसूरत झरिया जोकि और सबसे बड़ी बात है। झरिया में कई ऐसे कोलियरी क्षेत्र है जहां माइंस नहीं चल रहा है। बंद पड़ा हुआ है। वहां की जनता के बीच बेरोजगारी बहुत है। झरिया की जनता वहां से जाना नहीं चाहती। यहां के दलाल नेता उन लोगों को उठा उठाकर अपना पैकेट भरने के चक्कर में शिफ्ट कर दिया गया है। वहां जाकर स्थिति देखिए। अभी 5 साल में जो हुआ बहुत लोग रो रहे हैं।
सवाल : झरिया विधानसभा की समस्याओं में बेरोजगारी भी शामिल है। आप इससे कैसे निपटेंगी? जवाब : हम तो बोल रहे हैं सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। हम तो कहते हैं झरिया की जनता को झरिया में ही बसाएं ताकि रोजगार स्थानीय लोग को ही मिले। दूसरी बात है कि अगर कहीं दूसरी जगह लोग शिफ्ट हो रहे हैं वहां काम को लेकर हमलोग का पहल होगा। बेरोजगारी दूर करने के लिए प्लांट हो या मजदूर भाईयों के लिए रोजी-रोटी के लिए हम पहल करेंगे।
सवाल : क्या इस बार आपके क्षेत्र में परिवर्तन का मूड है? जवाब : बिल्कुल परिवर्तन का मूड है। हम नहीं यहां की जनता चुनाव लड़ रही है। जनता परिवर्तन करेगी।