मानव जीवन का उद्देश्य ईश्वर प्राप्ति के लिए होना चाहिए और इसके लिए भक्ति मार्ग सबसे श्रेष्ठ मार्ग है। यह बात श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन के प्रसंग में आचार्य मधुर कृष्ण शास्त्री ने कही। तिरुपति अभिनव होम्स में कथा के आरंभ में बुधवार को श्री गंगेश्वर
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पारीक्षित यजमान गीता – डॉ श्रीकांत अवस्थी सिर पर श्रीमद्भागवत कथा रखकर शोभायात्रा में प्रथम पंक्ति में साथ थे। तिरुपति अभिनव होम्स एवं बालाजी परिसर में कलश यात्रा विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए बैडमिंटन हॉल में पहुंची जहां पर श्रीमद् भागवत कथा की आरती हुई।
प्रथम दिवस की कथा में आचार्य श्री मधुर कृष्ण शास्त्री ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व समझाया। धुंधकारी की कथा, भगवान सुखदेव के जन्म की कथा का प्रसंग सुनाया। कथा में व्यास पूजन पारीक्षित गीता-श्रीकांत अवस्थी ने किया। गुरुवार को कथा दोपहर 1 बजे से प्रारंभ होगी। जिसमें आचार्य जी द्वारा सुखदेव जी का आगमन, वराह अवतार एवं ध्रुव चरित्र का वर्णन सुनाया जाएगा।
कलश यात्रा में प्रमुख रूप से ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी, गिरीश शर्मा, रामबाबू शर्मा, अरुण द्विवेदी, रजनीश दुबे, वीरेंद्र सक्सेना, अशोक चाहर, मोहन राव,अवध किशोर दीक्षित, धर्मेंद्र शास्त्री, राजा मिश्रा, विकास मालवीय, प्रफुल्ल रावत सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति शामिल हुए।