सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह व्यवस्था दी है कि वकील द्वारा दी गई सेवा उपभोक्ता संरक्षण एक्ट 1986 के दायरे में नहीं आता है। ऐसे मामले में वकील की कोताही बताते हुए उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता है। जस्टिस बेला त्रिवेदी और पंकज मित्तल की
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फैसले में कहा गया है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि वकील