Housekeeping staff is providing therapy, not physiotherapists, said- we also got training | डीकेएस सुपरस्पेश्यलिटी अस्पताल: फिजियोथेरेपिस्ट नहीं हाउसकीपिंग स्टाफ दे रहे थेरेपी, कहा- हमें भी मिली ट्रेनिंग – Raipur News


दाऊ कल्याण सिंह सरकारी सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल में एक भी प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट नहीं हैं। हाउसकीपिंग यानी सफाई कर्मी मरीजों की फिजियोथैरेपी कर रहे हैं। सफाई कर्मियों की हकीकत से बेखबर रोज पहुंच रहे 50 से ज्यादा मरीज सफाई उनकी फिजियोथैरेपी कर रह

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इसके अलावा भी जो मरीज अस्पतालों के विभिन्न विभागों में भर्ती में हैं, उन्हें भी अलग-अलग कारणों से थेरेपी की जरूरत पड़ती है। लेकिन इतने मरीजों के लिए यहां एक भी फीजियोथेरेपिस्ट नहीं है।

डीकेएस में 2018 में तीन फिजियोथेरेपिस्ट को एक साल की संविदा नियुक्ति दी गई थी। उसके बाद से अब तक उन स्टाफ की संविदा अवधि लगातार बढ़ाई जा रही थी। 3 माह पहले संविदा कर्मियों को हटा दिया गया। इसके बाद से यहां फीजियोथेरेपिस्ट ही नहीं है। डीकेएस में रोजाना 50 से ज्यादा ऐसे नए मरीज ऐसे आते हैं, जिन्हें थेरेपी की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा बर्न आईसीयू, न्यूरो आईसीयू, बर्न वार्ड, प्लास्टिक सर्जरी, नेफरोलॉजी जैसे कई विभाग के मरीजों को फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है। फिलहाल अस्पताल में दो तरह से मरीजों को थेरेपी दी जाती है। एक मैनुअल और दूसरा मशीनों से। पिछले 3 महीने से डीकेएस अस्पताल में बिना किसी प्रशिक्षण के ही हाउसकीपिंग स्टाफ को मरीजों को थेरेपी दे रहा है।

कल से मत आना कहकर हटा दिया

डीकेएस में जिन फीजियोथेरेपिस्ट को निकाला गया वे साल 2018 से यहां काम कर रहे थे। जुलाई माह में उन्हें अचानक कहा गया कि आप कल से अस्पताल मत आना। कारण पूछने पर उन्हें कोई जानकारी भी नहीं दी गई। इसके बाद से 3 फिजियोथेरेपिस्ट और 1 टेक्नीशियन काम में नहीं आ रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों और डीएमई से भी शिकायत की है।

भास्कर लाइव

समय 11.30 बजे, अस्पताल का फिजियोथेरेपी वार्ड। कमरे के बाहर कुछ मरीज थैरेपी के लिए बैठे हैं। भीतर एक मरीज बिस्तर पर लेटा है। यहां दो हाउसकीपिंग स्टाफ उनकी फिजियोथैरेपी कर रहे हैं। आधे घंटे उनकी थैरेपी करने के बाद उन्होंने कुछ खिलौने जैसी वस्तु देकर एक्सरसाइज करने को कहा।

टीम ने उनसे पूछा कि आप तो हाउसकीपिंग करते हैं, यह कब से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां डॉक्टर नहीं है, हमने काम सीखा है, हमें सब आता है। 3-4 महीने से हम ही थैरेपी दे रहे हैं।

सीधी बात– हेमंत शर्मा, उप अधीक्षक, डीकेएस

अस्पताल में फिजियोथेरेपिस्ट नहीं है?

– हां, यहां फिजियोथेरेपिस्ट नहीं है।

मरीजों को थेरेपी कैसे दे रहे हैं?

– अंबेडकर अस्पताल से 2 फिजियोथेरेपिस्ट बुलाते हैं।

लेकिन यहां तो सफाई कर्मी फिजियोथैरेपी करवा रहे?

– नहीं, थेरेपी देने और मशीन आपरेट करने उनका सहयोग ले रहे हैं।

थेरेपिस्ट की भर्ती कब होगी?

– भर्ती निकाली गई है, 10-15 दिन में परीक्षा की तारीख तय हो जाएगी।

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