मुंबई13 मिनट पहले
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भारतीय शेयर मार्केट में दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा है। वैसे तो स्टॉक एक्सचेंज में इस दिन छुट्टी होती है। लेकिन छुट्टी के दिन भी इसे विशेष तौर पर शाम के समय एक घंटे के लिए खोला जाता है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं। स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE पर शुक्रवार 1 नवंबर 2024 को शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक एक घंटे का स्पेशल मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन आयोजित किया जाएगा।
BSE-NSE ने 20 अक्टूबर (रविवार) को अलग-अलग सर्कुलर में यह घोषणा की है। ब्लॉक डील सेशन 5.45 बजे से 6 बजे तक रहेगा, जबकि प्री-ओपनिंग सेशन शाम 6 बजे से लेकर 6.08 बजे तक होगा। हिंदू कैलेंडर वर्ष के अनुसार, यह सेशन एक नए संवत 2081 की शुरुआत का प्रतीक है, जो दिवाली से शुरू होता है। ऐसा माना जाता है कि ‘मुहूर्त’ या शुभ घंटे के दौरान ट्रेडिंग करने से निवेशकों के लिए समृद्धि आती है।
इक्विटी-कमोडिटी डेरिवेटिव्स जैसे कई सेगमेंट में ट्रेडिंग होगी
दिवाली पर शेयर बाजार रेगुलर ट्रेडिंग के लिए बंद रहेगा, लेकिन शाम को एक घंटे के लिए स्पेशल ट्रेडिंग विंडो खुली रहेगी। ऐसे में बाजारों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। एक ही समय स्लॉट में इक्विटी, कमोडिटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस, और सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग (SLB) जैसे कई सेगमेंट में ट्रेडिंग होगी।
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन को 5 पार्ट में डिवाइड किया गया है
- ब्लॉक डील सेशन: दो पार्टीज एक फिक्स्ड प्राइस पर सिक्योरिटी खरीदने/बेचने के लिए सहमत होते हैं और स्टॉक एक्सचेंज को बताते हैं।
- प्री-ओपन सेशन: इस सेशन में स्टॉक एक्सचेंज इक्विलिब्रियम प्राइस निर्धारित करता है। ये आमतौर पर लगभग आठ मिनट का होता है।
- नॉर्मल सेशन: मुहूर्त ट्रेडिंग में ये सेशन एक घंटे का होता है। इसे नॉर्मल सेशन इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें अधिकांश ट्रेडिंग होती है।
- कॉल ऑक्शन सेशन: इलिक्विड सिक्योरिटीज का कारोबार किया जाता है। इन सिक्योरिटीज का क्राइटेरिया एक्सचेंज ने तय किया है।
- क्लोजिंग सेशन: इसमें ट्रेडर/इन्वेस्टर क्लोजिंग प्राइस पर मार्केट ऑर्डर प्लेस कर सकते हैं।
आम दिनों में बाजार सोमवार से शुक्रवार के बीच सुबह 9:00 बजे से दोपहर के 3:30 तक खुलता है। 9:00 बजे से लेकर 9:15 तक प्री मार्केट सेशन होता है। फिर दोपहर 3:30 तक नॉर्मल सेशन।
मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा करीब 68 साल पुरानी
शेयर मार्केट में दीपावली पर मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा करीब 68 साल पुरानी है। इस साल दीपावली के दिन से हिंदू विक्रम संवत वर्ष 2081 की शुरुआत हो रही है। पूरे भारत में इस उत्सव को धन, समृद्धि और सौभाग्य के स्वागत के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। ठीक इसी तरह इस मुहूर्त ट्रेडिंग के साथ भी ऐसी ही धारणा जुड़ी हुई है। शेयर बाजार के इन्वेस्टर्स इस दिन को निवेश की शुरुआत के लिए बेहद खास मानते हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग को माना जाता है शुभ
हिंदू रीति-रिवाजों में मुहूर्त एक ऐसा समय होता है जब ग्रहों की चाल अनुकूल मानी जाती हैं। मुहूर्त में किसी भी काम को शुरू करने से उसका पॉजिटिव रिजल्ट सुनिश्चित होता है।
इसीलिए दिवाली के शुभ मुहूर्त पर जब एक घंटे के लिए शेयर बाजार खुलता है तो हिंदू धर्म के कई लोग अपने इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करते हैं। ज्यादातर लोग देवी लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में स्टॉक खरीदना पसंद करते हैं।
मान्यताओं के अनुसार, इस एक घंटे के दौरान ट्रेडिंग करने वाले लोगों के पास पूरे साल धन कमाने और समृद्धि प्राप्त करने का बेहतर मौका होता है।
1957 में हुई थी पहली मुहुर्त ट्रेडिंग
मुहूर्त ट्रेडिंग का लगभग छह दशकों का इतिहास है। ये परंपरा 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से शुरू हुई थी। बाद में, इसे 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में अपनाया गया। उस समय, ऑनलाइन ट्रेडिंग नहीं होती थी। इसलिए, मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर्स BSE में ट्रेड करने के लिए इकट्ठा होते थे। हालांकि, अब समय बदल गया है, लेकिन मुहूर्त ट्रेडिंग को लेकर उत्साह बरकरार है।
पिछले साल 354 अंक बढ़कर बंद हुआ था बाजार
पिछले साल मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में सेंसेक्स 354.77 अंक (0.55%) की तेजी के साथ 65,259.45 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी में भी 100.20 अंक की तेजी रही थी, ये 19,525.55 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं बीते 5 साल यानी 2019 से 2023 की बात करें तो शेयर बाजार हर बार बढ़कर बंद हुआ है। साल 2022 में सेंसेक्स 525 पॉइंट, 2021 में 295, 2020 में 195 और 2019 में 192 पॉइंट बढ़कर बंद हुआ था।
बीते 5 सालों में मुहूर्त ट्रेडिंग में बाजार में रही बढ़त
- 2023 – 0.55%
- 2022 – 0.88%
- 2021 – 0.49%
- 2020 – 0.45%
- 2019 – 0.49%
यहां हम आपको 5 ऐसी बातें बता रहे हैं, जिनका ध्यान शेयर बाजार निवेशकों को रखना चाहिए…
1. अनुशासन बनाए रखें
पोर्टफोलियो में नाटकीय रूप से बदलाव करते रहने से जोखिम बढ़ता है। ऐसी आदत लंबी अवधि के लक्ष्यों पर नकारात्मक असर डाल सकती है। बेहतर होगा कि बाजार में फौरी उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करें और अनुशासन बनाए रखें। यदि पोर्टफोलियो में बदलाव जरूरी लगे तो छोटे-छोटे बदलाव करें।
2. निवेश को ट्रैक करते रहें
जब आप कई तरह के एसेट में निवेश करते हैं, तो हो सकता है कि सभी निवेश को नियमित रूप से ट्रैक नहीं कर रहे हों। ऐसे में बाजार का रुझान बदलने पर सटीक प्रतिक्रिया देना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए यदि आप अपने निवेश को ट्रैक नहीं कर पा रहें तो एक विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार की मदद लें।
3. नुकसान में न बेचें शेयर
उतार चढ़ाव शेयर बाजार का स्वभाव है। निवेशकों को शेयर बाजार में आई गिरावट से घबराना नहीं चाहिए। अगर आपने शेयर बाजार में पैसा लगा रखा है और इसमें आपको अभी नुकसान हुआ है तो भी आपको नुकसान में अपने शेयर बेचने से बचना चाहिए, क्योंकि लॉन्ग टर्म में मार्केट में रिकवरी की उम्मीद है। ऐसे में अगर आप अपने शेयर्स को लम्बे समय के लिए होल्ड करते हैं तो आपको नुकसान होने की उम्मीद कम हो जाएगी।
4. पोर्टफोलियो में विविधता लाएं
पोर्टफोलियो में विविधता अस्थिर बाजार में निवेश की वैल्यू स्थिर रखने का अच्छा तरीका है। विविधता का मतलब है जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से अलग-अलग एसेट में निवेश का बंटवारा करना। इसका फायदा यह है कि यदि एक एसेट (जैसे इक्विटी) में गिरावट आ रही हो तो उसी समय किसी दूसरे एसेट (जैसे सोने) में तेजी नुकसान को कम कर देगी।
5. स्टॉक बास्केट रहेगा सही
इसमें आप शेयर्स का एक बास्केट बनाते हैं और इन सभी शेयर्स में निवेश करते हैं। यानी अगर आप इस 5 शेयर्स में कुल 25 हजार निवेश करना चाहते हैं तो सभी में 5-5 हजार रुपए लगा सकते हैं। इससे जोखिम कम हो जाता है।