नालंदा में 12 अक्टूबर से लापता युवक का शव शनिवार को बरामद कर लिया गया है। मामला हरनौत थाना क्षेत्र के रामसंग डीहरा गांव का है। मृतक बालेश्वर पासवान का (22) वर्षीय बेटा रूपेश कुमार है। शव चंडी थाना क्षेत्र के सिंदुआरा गांव के खंधा से जमीन खोदकर निकाला
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गांव के लोग कृषि कार्य को लेकर खेत की ओर गए तो उन्हें तेज दुर्गध आ रही थी। इसके बाद जब पास जाकर देखा तो एक गड्ढा बना हुआ था। तत्काल इस बात की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। कुदाल से गड्ढा खोदकर शव को निकाला जा सका है। शव पूरी तरह से डिकम्पोज हो गया है। युवक का हाथ और पैर दोनों रस्सी से बंधा हुआ था।
लापता युवक के शव मिलने से हड़कंप मच गया। घटनास्थल के पास 6 थानों की पुलिस को बुलाया गया। जबकि, हरनौत बाजार में भी गश्त तेज कर दिया गया। सदर डीएसपी 1 और 2 भी मौके पर पहुंच कर मामले की जांच में जुट गए। जबकि, तकनीकी साक्ष्यों के लिए एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया। वहीं, आक्रोशितों ने सड़क जाम कर दिया है।
परिजनों ने किया सड़क जाम
इस घटना से आक्रोशित होकर परिजनों ने एनएच-20 को जाम कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि नामजद एफआईआर के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है। फिलहाल भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद है।
सदर डीएसपी-2 संजय कुमार जायसवाल ने बताया कि 17 अक्टूबर को हरनौत थाना में रूपेश कुमार के अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। टीम गठित कर हरनौत थाना पुलिस ने बदमाश की गिरफ्तारी के लिए और अपहित युवक की बरामदगी के लिए प्रयास किया।
आक्रोशितों ने सड़क जाम कर दिया।
परिजनों को घटना की दी गई जानकारी
अनुसंधान के क्रम में शनिवार को पता चला कि चण्डी थाना क्षेत्र के सिंदुआरा गांव के खंधा में किसी की लाश दिखाई दे रही है। इसके सत्यापन के लिए हरनौत थाना पुलिस यहां पहुंची। परिजनों को इस बात की सूचना दी गई। मृतक की पहचान रूपेश कुमार के रूप में की गई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल भेज दिया गया है। एफएसएल की टीम को भी घटनास्थल पर बुलाया गया है।
रूपेश के लापता होने के 5 दिन बाद परिजनों का धैर्य जवाब दे गया था। परिजन और ग्रामीणों ने सड़क को मुढारी गांव के पास जाम कर दिया था। पुलिस के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया। परिजनों का कहना था कि पुलिस मामले में लापरवाही कर रही है।
14 अक्टूबर को गुमशुदगी का दिया आवेदन
दरअसल 14 अक्टूबर को हरनौत थाना में रूपेश कुमार की मां शांति देवी ने बेटे की गुमशुदगी का आवेदन दिया गया था। जिसमें उन्होंने बताया कि 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजे वह घर से निकलने के वक्त बताया कि हरनौत बाजार मेला देखने जा रहा है। जब वह देर शाम नहीं लौटा तो उसके मोबाइल पर संपर्क किया गया। उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। सभी परिवार और दोस्तों से रुपेश के बारे में पता लगाया गया। लेकिन किसी ने भी रुपेश के बारे में जानकारी होने से इनकार कर दिया। परिवार ने अनहोनी की आशंका के मद्दे नजर पुलिस से उसकी खोजबीन करने का अनुरोध किया था।