हरियाणा की 15वीं विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक मंत्री बनाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है कि सरकार ने संविधान के 91वें संशोधन का उ
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एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत किसी भी राज्य में मंत्रियों की संख्या, विधानसभा में विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। हरियाणा विधानसभा में कुल 90 विधायक हैं, इसलिए कैबिनेट में अधिकतम 13.5 मंत्री ही हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान में हरियाणा सरकार में 14 मंत्री हैं, जो इस संशोधन का उल्लंघन है।
याचिका में नामित मंत्री
याचिका में हरियाणा के मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्रियों को प्रतिवादी बनाया गया है। इन मंत्रियों में सीएम नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर, और गौरव गौतम के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार और हरियाणा विधानसभा को भी याचिका में प्रतिवादी बनाया गया है।
पहले भी हुआ है मामला विवादित
याची ने यह भी उल्लेख किया है कि 13वीं और 14वीं विधानसभा में भी इसी प्रकार 14 मंत्री बनाए गए थे, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इस बार भी मामला इसी प्रकार का है, जिसे लेकर अब फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।
अब देखना होगा कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है और क्या हरियाणा सरकार को मंत्रियों की संख्या में कटौती करनी पड़ेगी या नहीं।