कुलपति का पुलता दहन करते आक्रोशित छात्र।
सिवान के डीएवी कॉलेज में आरएसए इकाई ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रमेन्द्र कुमार बाजपेई और परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक मिश्रा का पुतला दहन किया। यह प्रदर्शन स्नातक प्रथम खंड सत्र 2022-25 के रिजल्ट में भारी त्रुटियों को लेकर किया गया।
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जिसमें 95% छात्र-छात्राओं को फेल या प्रमोटेड घोषित किया गया है। छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार, जातिवाद और शैक्षणिक अराजकता चरम पर है, विशेषकर बीएड कॉलेजों से घूस लेकर छात्रों को परीक्षा में चोरी कराई जा रही है।
30 से 40 हजार फर्जी मार्कसीट देने का आरोप
आरएसए के अध्यक्ष विशाल सिंह ने दावा किया कि विश्वविद्यालय द्वारा कई फर्जी अंक पत्र विभिन्न महाविद्यालयों में भेजे गए हैं। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर कमल जी की नियुक्ति 7 सितंबर 2023 को हुई थी, जबकि स्नातक प्रथम खंड 2020-23 का रिजल्ट 11 मार्च 2023 को प्रकाशित हुआ था, जिसमें उनके हस्ताक्षर मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि उस समय वे परीक्षा नियंत्रक नहीं थे, जो अंक पत्रों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाता है। ऐसी स्थिति में यह अंक पत्र पूरी तरह से फर्जी माने जा रहे हैं। इसके अलावा, मार्च महीने में जिन टेबलेटरों के हस्ताक्षर अंक पत्रों पर हैं, उनकी नियुक्ति भी नहीं हुई थी। आरोप है कि 30 से 40 हजार फर्जी अंक पत्र छात्रों को वितरित किए जा चुके हैं, जिससे विवाद गहरा गया है।
पीएचडी की मौखिक परीक्षाएं बंद
छात्र नेता अमरेश सिंह राजपूत ने कहा कि जब से कुलपति ने कार्यभार संभाला है, पीएचडी की मौखिक परीक्षाएं लगभग बंद सी हो गई हैं। उन्होंने बीएड परीक्षाओं में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया, जहां घूस के रूप में प्रत्येक बीएड कॉलेज से 5 लाख रुपये वसूलने के बाद भी किसी छात्र का निष्कासन नहीं किया जाता, जबकि स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं में निष्कासन की संख्या अधिक है।
आरएसए छात्र नेत्री दीपा पाण्डेय ने कहा कि स्नातकोत्तर द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर के साथ-साथ स्नातक प्रथम सेमेस्टर के परिणाम लंबित हैं, जिससे छात्रों में निराशा फैल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति पद पर रहते हुए जातिवाद का खुला प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां सभी प्रमुख पदों पर अपने जाति के लोगों की नियुक्ति की जा रही है और अन्य जातियों के लोगों को परेशान किया जा रहा है।
छात्रों का आर्थिक शोषण कर रहे कुलपति
आरएसए के सदस्यों ने आरोप लगाया कि कुलपति का कार्यकाल पर्यटन मंत्री जैसा है, जो अक्सर कार्यालय से अनुपस्थित रहते हैं, जिससे हजारों डिग्रियों पर हस्ताक्षर लंबित हैं। डिग्री सेल के कर्मचारी भी कुलपति के इशारे पर छात्रों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं।
सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि आरएसए संगठन अब कुलपति के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू करेगा, और छात्र हित में आंदोलन को जारी रखा जाएगा। बैठक में अयान हुसैन, आशुतोष, सुप्रिया कुमारी, काजल कुमारी, शिवांगी कुमारी, सोनू शर्मा, प्रिंस, अमृत सिंह, नितीश कुमार और आरती कुमारी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।