चातुर्मास के मौके पर आरएसएस चीफ भागवत सूरत में जैन कार्यक्रम में शामिल हुए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत दो दिन के दौरे पर गुजरात पहुंचे हैं। वे बुधवार की रात सूरत पहुंचे थे। दोपहर को उन्होंने जैन आचार्य महाश्रमण से मुलाकात की और जैन समाज के कार्यक्रम में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में सनात
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हम हमारे साथ लड़ने वालों की भी मदद करते हैं
जैन समाज के कार्यक्रम में शिरकत करते हुए मोहन भागवत।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की मूल प्रकृति और संस्कृति कुछ अलग है। ये भारत की संस्कृति है कि हम हमारे साथ युद्ध करने वालों की संकट के समय मदद करते हैं। पाकिस्तान ने कारगिल में आक्रमण किया। हम चाहते तो पूरे देश पर आक्रमण कर सकते थे। लेकिन हमारी सेना को आदेश था कि बॉर्डर क्रॉस नहीं करना। अपनी सीमा के अंदर जो है, वह सब साफ करना है।
अंदर घुसकर मारा, तब भी पूरे पाकिस्तान पर अटैक नहीं किया। क्योंकि, हमारा आदर्श सूत्र है कि सबकी आत्मा समान है। जब किसी का जीवन बर्बाद होता है, तो उससे बहुतों को दुख होता है। सबका जीवन ठीक रहे तो कैसी भी स्थिति में सभी सुखी रहते हैं। इस सत्य को हमने पहचाना है। हमारे सारे आचार्यगण उसी के लिए हमें अपने उपदेश से ये बताते हैं।
हम कभी युद्ध नहीं करते
उन्होंने कहा- हमारे पूर्वजों ने हमारे सामने कई उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। भारत ने आज तक कभी भी युद्ध छेड़ने की कोशिश नहीं की है। भारत का हृदय सदैव बड़ा रहा है। हमें स्थिति इस तरह सुधारनी है कि किसी को परेशानी न हो और पूरी दुनिया हमें देखकर हमसे सीखे कि भारत ने कैसे अपनी समस्याओं का समाधान किया है और हम भी इसे कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। आज की वर्तमान स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है। हम किसी भी समस्या का समाधान मिलकर निकालेंगे और दुनिया हमसे बहुत कुछ सीखेगी।