34 मिनट पहले
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आज नवरात्रि का पांचवां दिन है और देवी पूजा के इस महापर्व की अंतिम तिथि 11 अक्टूबर को है। इन दिनों में देवी दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त पूजा-पाठ के साथ ही व्रत-उपवास, मंत्र जप और देवी मंदिरों में दर्शन करते हैं। इन शुभ कामों के साथ ही नवरात्रि में दान-पुण्य भी जरूर करना चाहिए।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, देवी दुर्गा उन लोगों पर कृपा करती हैं जो धर्म के अनुसार कर्म करते हैं और दूसरों की मदद करते हैं। पूजा करने वाले भक्तों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर के साथ ही अपने तन-मन की भी पवित्रता बनाए रखें। तन तो नहाने से पवित्र हो जाता है, लेकिन मन की पवित्रता के लिए हमें बुरे विचारों को दूर करना पड़ता है। मन में बुरे विचार रहेंगे तो मन पवित्र नहीं होगा और ऐसे विचारों का बुरा असर हमारे कामों पर भी होता है। इसलिए अपने विचारों को सकारात्मक और धार्मिक बनाए रखें, तभी देवी पूजा का पूरा फल मिल सकता है।
कन्याओं की करें पूजा और पढ़ाई की चीजें करें दान
नवरात्रि में देवी पूजा के साथ ही छोटी-छोटी कन्याओं की भी पूजा करनी चाहिए। कन्याओं को शिक्षा से जुड़ी चीजें, वस्त्र और श्रृंगार की चीजें भेंट करें।
दुर्गा अष्टमी और दुर्गा नवमी पर छोटी कन्याओं को अपने घर में भोजन कराएं। ध्यान रखें कन्याओं के भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। शुद्ध-सात्विक भोजन बनाना चाहिए। भोजन और पूजन के बाद खेल और मनोरंजन की चीजें, पढ़ाई की चीजें जैसे पेन, स्केच पेन, पेंसिल, कॉपी, ड्राइंग बुक्स, वॉटर बॉटल, कलर बॉक्स, लंच बॉक्स आदि चीजें भी भेंट में दी जा सकती हैं।
छोटी कन्याओं का करें श्रृंगार
अगर संभव हो सके तो किसी छोटी कन्या का सुंदर श्रृंगार करें। ये संभव न हो तो श्रृंगार की चीजें उपहार में दें। कन्या के पैरों की पूजा करें। पैरों पर चावल, फूल और कुंकुम अर्पित करें। दक्षिणा दें।
छोटी कन्याओं के पैरों में महावर और हाथों में मेहंदी लगाएं। घर पर हवन करें और कन्याओं के हाथों से हवन में चंदन की लकड़ियां डलवाएं। कन्याओं को लाल चुनरी भेंट में दें। दुर्गा चालीसा की पुस्तकें दें। लाल रंग की ड्रेस उपहार में दें।