हरियाणा में हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल का परिवार यहां से चुनाव लड़ रहा है। इस सीट पर 56 साल से भजनलाल परिवार का ही कब्जा है। साल 1968 में भजनलाल यहां से पहला चुनाव जीते थे, तब से
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इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने पूर्व IAS अधिकारी चंद्रप्रकाश को मैदान में उतारा है। चंद्रप्रकाश पंडित रामजी लाल के भतीजे हैं। रामजी लाल चौधरी भजनलाल के खास रहे हैं।
इनेलो-बसपा ने बंसीलाल के राजनीतिक सलाहकार रहे हरि सिंह के बेटे रणदीप लोहचब को मैदान में उतारा है। इसके अलावा, जजपा-असपा ने कृष्ण गंगवा और आम आदमी पार्टी (AAP) ने भूपेंद्र बेनीवाल को उम्मीदवार बनाया है।
आदमपुर विधानसभा सीट पर करीब 1.78 लाख वोटर हैं। इनमें पुरुष मतदाता 94 हजार 940 और महिला मतदाता 93 हजार 708 हैं। इस सीट पर जाट और ओबीसी वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। दैनिक भास्कर की टीम आदमपुर में चुनाव का माहौल जानने के लिए पहुंची। यहां विकास का मुद्दा सबसे बड़ा है। अभी यहां कांग्रेस और भाजपा का मिलाजुला असर दिख रहा है।
लोग भजनलाल परिवार के पक्ष में हैं, लेकिन कुछ बदलाव की भी मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि भजनलाल परिवार ने यहां कोई काम नहीं कराए, इसलिए इस बार कांग्रेस का माहौल है।
साल 2011 में हुए उपचुनाव में इस सीट पर कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई और साल 2022 में हुए उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई विधायक बने थे।
5 पॉइंट्स में समझें आदमपुर विधानसभा के समीकरण
- आदमपुर में सबसे ज्यादा करीब 55 हजार जाट वोटर हैं। बिश्नोई समाज के 28 हजार वोट हैं। ओबीसी में बिश्नोई समाज के वोट हटाकर देखें तो करीब 29 हजार वोट हैं। इनमें सबसे ज्यादा 8200 जांगड़ा और कुम्हार जाति के हैं। कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रप्रकाश जांगड़ा हैं। उन्हें अपनी जाति के अलावा जाट वोटरों का साथ मिल सकता है।
- इस सीट पर ब्राह्मण समाज के 5700, वैश्य 5 हजार और पंजाबी समाज के 4 हजार वोट हैं। पिछले चुनावों का ट्रेंड देखें तो तीनों समाज का रुख भजनलाल परिवार की तरफ रहा है। इसके अलावा बिश्नोई वोट भी एक तरफा भव्य की तरफ गए तो भाजपा को फायदा होगा।
- शहर में भाजपा की तरफ लोगों का झुकाव है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस मजबूत दिख रही है। विकास के मुद्दे को लेकर भी भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। अनुसूचित समाज के करीब 26 हजार वोटरों का रुख भी कांग्रेस की तरफ रहा है।
- आदमपुर में बाहरी बनाम स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा भी चला हुआ है। भाजपा लगातार कांग्रेस के चंद्रप्रकाश को बाहरी उम्मीदवार बताकर घेर रही है। उनका कहना है कि चंद्रप्रकाश नलवा सीट से तैयारी कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने पैराशूट के जरिए उन्हें आदमपुर भेज दिया। इसलिए भाजपा इस मुद्दे को भुनकर वोटरों को अपनी तरफ रिझाने की कोशिश में है।
- चौधरी भजनलाल को रामजी लाल से दोस्ती के कारण ओबीसी वोटरों का फायदा मिलता रहा है। कांग्रेस ने उनके भतीजे को उम्मीदवार बनाकर बिश्नोई परिवार की टेंशन बढ़ाई है। बिश्नोई वोटरों के बराबर ही ओबीसी समाज में आने वाले दूसरे समाज के वोट हैं। अगर ओबीसी में बिश्नोई समाज को छोड़कर दूसरे समाज कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुए तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
भव्य बिश्नोई लिस्ट पढ़कर काम गिनवा रहे
साल 2022 में कांग्रेस से नाराजगी के चलते कुलदीप बिश्नोई ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह परिवार सहित भाजपा में शामिल हो गए। आदमपुर उपचुनाव में भाजपा ने कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की।
बिश्नोई परिवार इस चुनाव में 800 करोड़ के काम गिनवा रहा है। हर गांव की एक लिस्ट तैयार की गई है। भव्य बिश्नोई अपने भाषणों में गांव में काम और कितनी राशि खर्च हुई, इसकी जानकारी दे रहे हैं। भव्य के साथ उनके पिता कुलदीप बिश्नोई और मां रेणुका बिश्नोई भी घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं।
लोकसभा चुनाव में आदमपुर में भाजपा का पिछड़ना बिश्नोई परिवार के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है। भव्य, भजनलाल की पुरानी आढ़त की दुकान का रिनोवेशन करवाकर उसे अपने निवास स्थान के तौर पर तैयार करवा रहे हैं। लोगों में मैसेज दिया जा रहा है कि भव्य बिश्नोई चुनाव जीतने के बाद पूरी तरह से आदमपुर में ही रहेंगे, जबकि कुलदीप बिश्नोई सेक्टर 15 स्थित आवास में रहेंगे।
चंद्रप्रकाश कुलदीप-भव्य पर अनदेखी का आरोप लगा रहे कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रप्रकाश पूर्व IAS अधिकारी हैं। उनके पास प्रशासनिक कार्य का लंबा अनुभव है। वह ओबीसी समाज से आते हैं। ओबीसी समाज अभी तक भजनलाल परिवार के साथ रहा है। इस चुनाव में आधे ओबीसी वोटरों का झुकाव कांग्रेस की तरफ है। चंद्रप्रकाश भी इस चीज को भुना रहे हैं।
वह जातिगत आंकड़ों को तो साध ही रहे हैं, साथ ही क्षेत्र की बदहाली का मुद्दा भी उठा रहे हैं। वह यह प्रचार कर रहे हैं कि भजनलाल ने यहां इतने काम किए, लेकिन कुलदीप और भव्य बिश्नोई ने क्षेत्र की अनदेखी की। दूसरी विधानसभा क्षेत्रों के मुकाबले में आदमपुर पिछड़ा हुआ दिखाई देता है।
क्या कहते हैं आदमपुर के वोटर….
रविंद्र कुमार बोले- भव्य जीतेंगे
आदमपुर मंडी के रहने वाले रविंद्र कुमार कहते हैं कि यहां भाजपा जीतेगी। भव्य कम से कम 20 से 25 हजार वोट से जीतेंगे। आदमपुर में बहुत काम चल रहे हैं। आधी रात को काम पड़ जाए तो बिश्नोई परिवार के घर कोई भी आ जा सकता है। अपनी समस्या रख सकता है। जब लोगों के काम हो जाते हैं तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता आदमी चंडीगढ़ रहता है या मुंबई।
बलवंत कुमार ने कहा- हम सिर्फ बिश्नोई परिवार को जानते हैं
शिव कॉलोनी के रहने वाले बलवंत कुमार ने कहा कि भव्य ने काम करवाए हैं। काम दिखने में समय लगेगा। रोटी बनाने के लिए पहले आटा गूंथना पड़ता है। इसी तरह काम एकदम नहीं होते। सड़कें, गलियां और गांवों में काम चल रहे हैं। आदमपुर के लोग सभी का सम्मान करते हैं, ऐसा ही सम्मान चंद्रप्रकाश का कर रहे हैं, लेकिन वोट भजनलाल परिवार को ही देते हैं।
हम सिर्फ बिश्नोई परिवार को ही जानते हैं। हमारा काम सिर्फ इन्हीं से पड़ता है। आदमपुर को चमकाने का काम भजनलाल परिवार ने किया है। इनसे कोई नाराज नहीं है।
रामनिवास बोले- बिश्नोई परिवार ने कोई काम नहीं कराए
काबरेल गांव के रहने वाले रामनिवास ने कहा कि आदमपुर में इस बार चंद्रप्रकाश जीत रहे हैं। आदमपुर में बिश्नोई परिवार ने कोई काम नहीं करवाए। इस बार जनता बदलाव चाह रही है। हमारे गांव में बिश्नोई परिवार ने कोई काम नहीं करवाया। चंद्रप्रकाश यहां से जीतेंगे। नौजवान युवा भजनलाल के किले को तोड़ने को बेताब हैं।
पालाराम बोले- किसी की भी किस्मत चमक सकती है
डोभी गांव के रहने वाले पालाराम ने कहा कि इस बार चुनाव में मिलाजुला असर है। किसी की भी किस्मत चमक सकती है। भजनलाल के राज में यहां बहुत काम हुए, लेकिन उसके बाद कई पार्टियां आईं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। पब्लिक बताएगी, उम्मीदवार बदलना है या नहीं, लेकिन इस बार टक्कर कड़ी है।
बलवान बोले- अब आदमपुर कुलदीप का परिवार नहीं
डोभी गांव के रहने वाले बलवान ने बताया कि आदमपुर में इस बार बदलाव होगा। कांग्रेस भजनलाल के किले को तोड़ेगी। चंद्रप्रकाश को 25 से 30 हजार वोटों से जितवाएंगे। आदमपुर अब कुलदीप बिश्नोई का परिवार नहीं रहा, उन्होंने हमारे कोई काम नहीं करवाए। वोट लिए और जीतकर चले गए। इसके बाद वापस आकर हलके को नहीं संभाला। न सड़कें बनवाईं और न ही किसानों को सुविधाएं दीं।
एक्सपर्ट बोले- कांग्रेस उम्मीदवार ने मुकाबला कड़ा किया
सीनियर जर्नलिस्ट और एडवोकेट कुमार मुकेश कहते हैं, ‘आदमपुर हमेशा भजनलाल परिवार का गढ़ रहा है। हर बार लोगों को लगता है कि यह गढ़ टूटेगा। हर बार पूरा जोर लगाया जाता है। पिछले उपचुनाव में जेपी ने अच्छा चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी को टक्कर दी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां से बढ़त बनाई। इस बार कांग्रेस ने चंद्रप्रकाश को कैंडिडेट बनाया है।
भाजपा ने भव्य को दोबारा उतारा है। पहले वह उपचुनाव जीत चुके हैं। चंद्रप्रकाश ने नलवा हलके से तैयारी की , लेकिन अचानक उनको आदमपुर से टिकट दे दिया गया। चंद्रप्रकाश और भजनलाल परिवार का आपस में पुराना रिश्ता है। पंडित रामजी लाल भजनलाल के परम सखा रहे हैं और चंद्रप्रकाश उनका ही भतीजा है।
आदमपुर में चर्चाएं चल रही हैं कि रामजी लाल ने अपने समय में भजनलाल को ब्लॉक समिति चेयरमैन बनाने के लिए अपना वोट दिया था और उनकी राजनीति को पंख लगाए थे। कहीं ऐसा न हो जाए कि उनके परिवार के लोग ही भजनलाल परिवार के उस पंख को तोड़ दें। भजनलाल परिवार के खिलाफत का वोट कांग्रेस में आएगा। साथ ही जांगड़ा समाज से संबंध रखने वाले चंद्रप्रकाश अपनी जाति के वोट भी लेकर जाएंगे, जिससे नुकसान भव्य बिश्नोई को होगा।
जहां तक बाहरी प्रत्याशी का सवाल है, हर बार आदमपुर में बाहरी कैंडिडेट लड़े। जेपी भी बाहरी थे, लेकिन उन्होंने कड़ी टक्कर दी। खास बात यह है कि यहां भजनलाल परिवार के खिलाफ पूरी कांग्रेस एकजुट है। भव्य के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं है।’