शहर के डिवाइन ज्वेलर्स संचालक गौरीशंकर सोनी, राजेश सोनी, कंचना देवी, मौसूम, मनोज सोनी, पूनम सोनी और नेहा सोनी के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। क्राइम ब्रांच को कर्नाटक बैंक लिमि. के वरिष्ठ प्रबंधक अमित कुमार चट्टोराज, हरीश भट्
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शिकायतकर्ताओं ने क्राइम ब्रांच को पिछले साल जनवरी में की थी। इसमें बताया कि आरोपी ज्वेलर्स संचालकों ने बैंक स्टेटमेंट और लोन सेंक्शन के पेपर्स में कई तरह गड़बड़ियां कर फर्जीवाड़े किए हैं। बड़ा सराफा में डिवाइन ज्वेलर्स के खातों की जांच कराई गई। इसमें सामने आया कि दिसंबर 2020 में स्टॉक स्टेटमेंट 775.26 लाख रुपए का बताया। ऑडिट कराने पर 320.7 लाख रुपए ही निकला। बैंक के लोन टर्म एंड कंडीशन के हिसाब से अमाउंट का उपयोग ज्वेलरी के लिए करना था, लेकिन उसका उपयोग निजी कामों और फंड जनरेट करने के लिए कर लिया गया।
ज्वेलरी फर्म को यह पैसा कर्नाटका बैंक में रखना था। इस शर्त का उल्लंघन करते हुए पैसा आईसीआईसीआई बैंक में डायवर्ट कर दिया। आरोपी संचालकों ने कोरोना काल में सोना खरीदने का बिल देना बताया। वहीं स्टॉक को कच्चे बिल में बेचकर वर्किंग कैपिटल जमा नहीं कराई गई। दोनों मामलों में चेक करने पर तारीखों में अंतर मिला है। इस तरह संदिग्ध लेनदेन को सही बताने का प्रयास करने और फंड से जमीन खरीदने के भी आरोप हैं।
गैर व्यवसायियों को किया भुगतान
1 करोड़ 34 लाख रुपए से ज्यादा का पेमेंट ऐसे लोगों को किया गया, जो इस व्यवसाय से जुड़े ही नहीं है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक इनके नाम प्रियंका केवलिया, करुणा लबड़े, श्याम राव, राकेश जैन, मुकेश कुमार खत्री, राकेश कुमार उपाध्याय, अंगुली जैन, रानी जैन, ज्योति लबड़े, अजित कुमार जैन, गरिमा, प्रीति जैन, अभय कुमार जैन, विभा जैन, पिंकी कसेरा हैं।
73 लाख के लेनदेन में दूसरी FIR भी दर्ज
क्राइम ब्रांच ने एक और फर्जीवाड़े में दिलीप सोनी, मनोज, गौरीशंकर, राजेश, कंचना देवी, मौसूम पर एक अन्य प्रकरण भी दर्ज किया है। इसमें भी कर्नाटका बैंक की तरफ से ही एफआईआर कराई गई है। 73 लाख रुपए से ज्यादा का संदिग्ध लेन-देन ओजस्वी जैन, सनत कुमार जैन, तारा जैन, अर्जुन सिंह, प्रीति देवी, कपिल जैन, भारती जैन, रामबिहारी श्रीवास्तव, प्रीति सारस्वत को करने का आरोप है। ऑडिट बैलेंस शीट में हेरफेर किया गया। उन्हें भी कोविड के दौरान सोना खरीदना-बेचना बताया गया।