1. बुलडोजर कार्रवाई से पहले भवन मालिक या किराएदार को कारण बताओ नोटिस दें। दोनों न हों तो नोटिस मेन गेट पर चिपकाएं। नोटिस देने के पुख्ता सबूत या गवाह भी हों।
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2.नोटिस के बाद संबंधित व्यक्ति को कानूनी अधिकार उपयोग करने के लिए कम से कम एक माह का समय मिले।
3.प्राधिकरण/अफसर संबंधित पक्ष के दस्तावेज जांचे और उनका पक्ष सुने। विवेक का इस्तेमाल एकतरफा न हो।
4.नगर निगम/प्राधिकरण यह देखे कि जो मकान ढहाने का प्रस्ताव है, कहीं उनकी कार्यवाही की प्रकृति दंडात्मक न हो। यह सुनिश्चित हो कि ऐसा हाशिए के समुदाय के प्रति लक्षित या भेदभावपूर्ण तरीके से न किया जा रहा हो।
5.यह भी देखें कि जो संपत्ति गिरा रहे हैं, उसके आसपास ऐसी अन्य संपत्ति, अतिक्रमण तो नहीं? पूरे मोहल्ले में अतिक्रमण है तो एक मकान ढहाने का आदेश देने के मुद्दे पर संबंधित अधिकारी अपने विवेक का प्रयोग करे।
6.कोर्ट के अवकाश के दिन भवन नहीं ढहाए जाने चाहिए।
7.अवैध निर्माण, अतिक्रमण में बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन है तो यह देखना चाहिए कि केवल आपत्तिजनक हिस्सा तोड़कर नियमित किया जा सकता है या नहीं? संभव हो तो पीड़ित पक्ष को समय देना चाहिए।
8.एक महीने की नोटिस अवधि खत्म होने के बाद मकान में रहने वालों को सामान निकालने के लिए समय देना चाहिए।
9.सर्दी, बरसात में पुनर्वास के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए बिना मकान नहीं ढहाना चाहिए। शेष | पेज 2