खगड़िया में परिवार को सौंपा गया था।
पटना से लापता आठ वर्षीय बच्ची दो महीने बाद मिली है। वह झारखंड के जसीडीह में स्टेशन पर एक युवक को मिली। खगड़िया के रहने वाले युवक ने बच्ची से बातचीत की। उसने फुआ का नंबर बताया। इस नंबर पर युवक ने कॉल लगाया। फिर बातचीत हुई।
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30 अगस्त को खगड़िया स्टेशन पर बच्ची के परिजनों ने उसे रिसीव किया। लेकिन, पटना से 11 जुलाई को घर से निकली बच्ची को इस दौरान पटना से लेकर झारखंड के जसीडीह स्टेशन तक भीख मांगनी पड़ी। वह देवघर में मंदिर परिसर के पास भी भीख मांगने को मजबूर हुई।
11 जुलाई को गुमशुदगी की सूचना पर अपहरण का मामला दर्ज हुआ था
दरअसल, पटना के कदमकुआं थाने में एक बुजुर्ग महिला (60) ने पोती (8) की गुमशुदगी का मामला 11 जुलाई को दर्ज किया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच का हवाला दिया था। लेकिन, पुलिस उस बच्ची को ढूंढ नहीं पाई। दादी थाने जाकर पूछती भी रही। लेकिन पुलिस की ओर से कोई जवाब नही मिला।
मां ने घर से भगाया था
8 जुलाई को पिता की मृत्यु के बच्ची की मां ने उसे भगा दिया था। वह फुआ के घर ओडिशा जाने के लिए ट्रेन पकड़ने पटना जंक्शन पहुंची थी। वहां कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया। फिर भीख मंगवाने लगेष बच्ची कई दिनों तक भीख मांगती रही। स्टेशन के पास ही सो जाती थी। फिर एक दिन ओडिशा जाने वाले ट्रेन में बैठ गई। लेकिन, जसीडीह स्टेशन पर पानी पीने के लिए उतरी तो ट्रेन खुल गई थी।
स्टेशन पर भीख मंगवाया गया
जसीडीह स्टेशन पर भी भीख मांगकर रहने लगी। फिर किसी ने देवघर मंदिर के पास पहुंचाया। वहां भी भीख मंगवाने लगा। किसी तरह वहां से भाग कर फिर ओडिशा जाने के लिए जसीडीह स्टेशन पहुंची। वहां, एक युवक ने पूछा कि कहां जाना है। पूरी जानकारी मिलने के बाद अपने घर खगड़िया ले गया। वहां भोजन कराया। फिर बच्ची के फुआ को कॉल कर पूरी जानकारी दी।
रिश्तेदार ने पहुंचाया ओडिशा
बच्ची के फुआ ने 31 अगस्त को मोकामा में अपने रिश्तेदार संतोष को जानकारी दी। वह बच्ची को ओडिशा पहुंचा दिया। वह अपनी मां से बात करने को भी तैयार नहीं है। फुआ ने इस बात की जानकारी दादी और परिजन को दे दिया है।
पुलिस को दी गई जानकारी
ओडिशा से बच्ची को लेकर परिजन पटना पहुंचे। इसके बाद कदमकुआं थाने को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने पूछताछ कर बच्ची को फिर से फुआ के हवाले कर दिया। साथ ही कहा कि बाद में आना मेडिकल कराया जाएगा।
पहले भी बच्ची फुआ के यहां रहती थी
वहीं, कदमकुआं थानेदार राजीव कुमार ने बताया कि 11 जुलाई को गुमशुदगी की सूचना पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। मां से फटकार मिलने के बाद घर से चली गई थी। देवघर के पास जसीडीह स्टेशन पर एक व्यक्ति से मिली थी। उसने बच्ची के परिजनों को फोन कर जानकारी दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि बच्ची का मेडिकल कराकर कोर्ट में बयान कराया जाएगा। कोर्ट के आदेशानुसार परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
मां के साथ रहने को तैयार नहीं
बच्ची को लेकर उसकी फुआ कदमकुआं के दलदली स्थित उसके घर पहुंची। लेकिन, बच्ची अपनी मां के साथ रहने को तैयार नहीं थी। फुआ के साथ ही रहने की जिद पर उतर गई। इसके बाद पुलिस को ये जानकारी दी गई। इसके बाद फुआ बच्ची को लेकर वैशाली जिले के राघोपुर मायके लेकर गई।
ओडिशा में ही हुई है पढ़ाई
बच्ची की पढ़ाई भी ओडिशा के बिलमित्रा पुर स्कूल में हुई है। वह जन्म के बाद से ही फुआ के पास ही रहने लगी थी। उसके पिता सब्जी बेचकर परिवार चलाते थे। लेकिन अब पिता भी नहीं रहे हैं। वह मां के साथ रहना नहीं चाहती है। अब परिजन मेडिकल के लिए पुलिस कॉल का इंतजार कर रहे हैं।