investigation report of the district administration was shelved; bihar bhaskar latest news | 4 महीने 16 दिन बाद फिर होटल में लगी आग: अब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, ठंडे बस्ते में पड़ी जांच रिपोर्ट – Patna News

होटलों में लग रही आग के बावजूद कार्रवाई नहीं।

पटना में 4 महीने 16 दिन के बाद दूसरी बार कोतवाली थाना क्षेत्र के डाकबंगला चौराहे से सटे मारवाड़ी बासा में अगलगी की घटना हुई। पाल होटल की तरह ही सुबह में आग लग गई। कुछ ही देर में पूरा बैंक्वेट जलकर खाक हो गया। इस हादसे में किसी की जान नहीं गई है। सिर्

.

इससे पहले 25 अप्रैल को कोतवाली थाना क्षेत्र के पटना जंक्शन गोलंबर स्थित होटल पाल और होटल अमृत में आग लगी थी। इस अग्निकांड में 8 लोगों की जान गई थी। 20 से अधिक लोग झुलस गए थे। मारवाड़ी बासा, होटल पाल, होटल अमृत महज 1.5 किलोमीटर के अंदर में हैं।

होटल अग्निकांड को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

होटल अग्निकांड को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

अब तक नहीं हुई कार्रवाई

होटल पाल और होटल अमृत की घटना पर सबकी निगाहें थी। पुलिस और प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद थी। वो केस भी ठंडे बस्ते में चला गया है। इस केस में अब तक दो आईओ बदले हैं। तीसरे अभी इस केस को समझ रहे हैं। पहले इस केस के आईओ थानेदार राजन कुमार बने। इनके बाद शकील अहमद बनाए गए। अब वीरेंद्र कुमार को बनाया गया है। जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। इस मामले में अब तक आरोपियों तक पुलिस पहुंच नहीं सकी है। इससे पहले ही उन्हें कोर्ट से लाभ मिल गया।

जिला प्रशासन की कार्रवाई भी पड़ी ठंडी

आग लगने की घटना के बाद जिला प्रशासन की ओर से एक कमेटी बनाकर पटना के होटलों की जांच पड़ताल कराई गई थी। पटना सदर एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी, थानेदार, अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने होटलों, कोचिंग संस्थानों की जांच पड़ताल की थी। पटना में यह अभियान एक सप्ताह तक चला था। धीरे-धीरे समय के साथ यह अभियान भी ठंडे बस्ते में चला गया। किस तरह की कार्रवाई हुई, क्या हुआ? कुछ पता नहीं चल सका।

पाल होटल में 25 अप्रैल को लगी थी आग।

पाल होटल में 25 अप्रैल को लगी थी आग।

होटल संचालकों के साथ मीटिंग हुई थी

पटना में होटल मालिक और अग्निशमन विभाग के बीच बड़ी बैठक हुई। इसमें अग्निशमन विभाग के राज्य स्तर के पदाधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में होटल मालिकों को फायर सेफ्टी, बिल्डिंग बायलॉज, कर्मियों के प्रशिक्षण संबंधित कई सुझाव और दिशा निर्देश भी दिए गए।

नियमों की अनदेखी करने वाले होटल संचालकों पर कार्रवाई की भी बात कही गई थी। सेफ्टी के लिहाज से जो इक्यूपमेंट्स वगैरह नहीं थे, उसे होटलों में अपग्रेड करने के भी निर्देश दिए गए। लेकिन, चीजें धरातल पर नहीं उतारी जा सकीं। होटल में अगलगी की दूसरी घटना के बाद ये सब अब हवा हवाई साबित हो रही है।

बंद है जांच पड़ताल

जिला प्रशासन ने अब जांच पड़ताल भी बंद कर दिया गया है। घटना के बाद जिस तरीके से जांच की गई थी, वो सब ठंडे बस्ते में चला गया है।

नहीं कर रहे हैं नियमों का पालन

कोतवाली थाने के ही होटल गली में होटल संचालक नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। फायर ऑडिट होने के बावजूद भी सारे नियम ताक पर रख दिए गए हैं। पहले जैसे चूल्हे पर बिल्डिंग के मुख्य द्वार पर खाना बनाते थे, वैसे ही बना रहे हैं।

यहां लगभग 20 होटल हैं। इसमें एवरेज 500 से 700 राहगीर ठहरते हैं। संकीर्ण रास्ते हैं। जिसके चलते आग लगने पर फायर की गाड़ी भी एंट्री नहीं कर सकती है। आस-पास भी काफी घर हैं। रिहायशी इलाका है। स्टेशन के पास जो होटल हैं, उनमें से गिनती के 2-4 होटलों को छोड़ दें तो बाकी की स्थिति भी पहले के जैसी ही है।

सील होंगे होटल

अग्निशमन के सूत्रों के मुताबिक कुछ होटलों को सील करने की तैयारी चल रही है। क्योंकि उनके द्वारा अल्टीमेटम के बाद भी फायर से संबंधित सेफ्टी मानकों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *